Dhanbad: धनबाद (Dhanbad) एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध से दुकानदारों की परेशानी बढ़ गई है. छोटे दुकानदारों को सबसे ज्यादा समस्या हो रही है दुकानदारों को पॉलिथीन की जगह नॉन बोवन बैग का उपयोग करना पड़ रहा है. दुकानदारों के अनुसार कोई भी चीज किलो में अगर ₹1 की कमाई होती है तो ₹2 का नॉन बोवन बैग देने पर नुकसान उठाना पड़ रहा है.
इन वस्तुओं पर लगा है प्रतिबंध
पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टॉक, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध है. इसके दायरे में पॉलीस्टाइनिन और विस्तारित पॉलीस्टायर्न वस्तुएं भी आती हैं. इनके अलावा प्लास्टिक स्टिक युक्त ईयर बड्स, गुब्बारों के प्लास्टिक की डंडियां, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडियां, पोलीस्टाइरीन (थर्मोकोल) की सजावटी सामग्री, प्लेट, कप, गिलास, कांटा, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे आदि पर बैन लगाया गया है.
बड़े व्यवसायियों को कोई परेशानी नहीं
बड़े व्यवसायियों ने विकल्प तलाश लिया है. वे प्लास्टिक की थैलियों की जगह महंगे कपड़े का बैग ( नॉन बोवन बैग ) का इस्तेमाल शुरू कर चुके हैं. उन्हें 5 से ₹10 तक का बैग कस्टमर को देने में कोई परेशानी नहीं है. क्योंकि वे महंगे एलईडी लाइट, कपड़े, क्रोकरी या अन्य महंगी वस्तुओं की बिक्री पर कस्टमर को थैला देते हैं.
छोटे दुकानदारों की मुश्किल बढ़ी
फल विक्रेता गणेश यादव बताते हैं कि पॉलिथीन पर बंदिश से बड़ा नुकसान छोटे दुकानदारों को हुआ है. ₹20 से ₹100 की खरीदारी पर ₹5 का नॉन वोवन बैग देना पड़ रहा है. वह बताते हैं कि 1 किलो फल की कीमत अगर ₹100 हुई तो ₹4 का बैग देना पड़ रहा है. ऐसे में आमदनी पर असर पड़ रहा है.
थैले के नाम पर रोज हो रही किचकिच
राशन विक्रेता विजय साव के अनुसार कस्टमर से प्रतिदिन किचकिच हो रही है. सिंगल यूज पॉलीथिन पर रोक के बावजूद कस्टमर घर से थैला लाना पसंद नहीं करते. मजबूरी में हमें नॉन वोवन बैग का इस्तेमाल करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि स्थिति यह है कि ढाई सौ ग्राम चीनी भी देना है तो उन्हें थैला जरूर चाहिए. छोटे साइज 9 इंच बाय 6 इंच के थैले की कीमत ₹1 प्रति पीस होती है. अब ढाई सौ ग्राम चीनी में ₹1 की कमाई नहीं है और ₹1 का बैग देना पड़ रहा है.
कागज के बने ठोंगे की बढ़ी कीमत
शहर के हीरापुर हटिया में फल का ठेला लगाने वाले दुकानदार संजय शर्मा ने प्लास्टिक की थैलियों के स्थान पर कागज के ठोंगे का उपयोग शुरू कर दिया है. हालांकि उनका कहना है कि पोलीथिन की तुलना में कागज का ठोंगा काफी महंगा पड़ रहा है. जब से पॉलिथीन बैन हुई है, ठोंगा के भाव भी आसमान छू रहे हैं. उन्होंने बताया कि अचानक डिमांड बढ़ने से उन्हें 50 से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से ठोंगा खरीदना पड़ा.
460 रुपये किलो मिलता है नॉन बोवन बैग
पॉलीथिन बैन होने से फिलहाल बाजार में नॉन वोवन बैग का इस्तेमाल हो रहा है, जिसे सामान्य भाषा में कपड़े का बैग भी कहा जाता है. 13 / 16 इंच बैग की कीमत 460 रुपये किलो है. एक किलो में 100 पीस होते हैं. प्रति पीस की कीमत 4.60 पैसे है. इसके अलावा अलग अलग साइज के नॉन बोवन बैग की कीमत भी अलग है.
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर निगम के कार्यपालक अभियंता मोहम्मद अनीस ने कहा कि 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक समेत कई सामान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जो व्यापारी इस आदेश का पालन नहीं करते, उस पर सख्त कार्रवाई होगी. फिलहाल विभाग पैनी नजर बनाए हुए है. एक-दो दिन में टीम गठित कर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अभियान शुरू कर दिया जाएगा.
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