Mahuda : धनबाद जिले का प्राथमिक शिक्षा विभाग इन दिनों सुर्खियों में है. एक तरफ 19 अक्टूबर को होने वाले संघ के सांगठनिक चुनाव को लेकर शिक्षकों के बीच गहमागहमी है. वहीं, दूसरी तरफ शिक्षकों के एक गुट ने जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय पर हरेक काम के लिए रिश्वत का रेट फिक्स करने का आरोप लगाया है. बलियापुर अंचल में पदस्थापित शिक्षक राजेश कुमार पॉल ने तो रिश्वत का बाकायदा चार्ट बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है. इस रेट-लिस्ट के मुताबिक ईएल ग्रांट कराने के लिए एक हजार, मेडिकल के लिए एक से पांच हजार, पीएफ लोन के लिए एक हजार प्रति एक लाख, प्रतिनियुक्ति के लिए 15 हजार प्रति तीन महीने, वेतन निर्धारण के लिए आठ हजार, लेखा में तीन से चार हजार, एचआरए के लिए आठ हजार, छोटे एरियर के लिए 500 और बड़े एरियर के लिए एक हजार प्रति एक लाख, सेवा संपुष्टि के लिए एक हजार, स्थानांतरण के लिए 50 हजार से डेढ़ लाख और सेवानिवृत्ति लाभ के लिए 30 से 40 हजार तक शिक्षकों से वसूला जा रहा है.
इतना ही नहीं, बाघमारा में पदस्थापित शिक्षक संजय सुमन ने ग्रेड 4 में शिक्षकों की पोस्टिंग और फिक्सेशन में लाखों रुपए की उगाही करने का आरोप शिक्षा विभाग पर लगाया है. सुमन ने शिक्षकों के सोशल मीडिया ग्रुप्स में पोस्ट लिखकर नगर निगम से आठ किलोमीटर के दायरे में आने वाले शिक्षकों को लूटने का आरोप भी विभाग पर लगाया है. संजय सुमन का विद्यालय नगर निगम से आठ किलोमीटर के दायरे में आता है, और न ही उन्हें ग्रेड 4 में प्रोन्नति मिली है, और न ही वे सेवानिवृत्त हुए हैं. पर वे मुखर होकर इन कामों के लिए रिश्वत लेने का आरोप विभाग पर लगा रहे हैं. इसी तरह कुछ अन्य शिक्षक भी सोशल मीडिया पर इन आरोपों का समर्थन कर रहे हैं. रेट-लिस्ट का मामला इन दिनों धनबाद के शिक्षकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. शिक्षक संघ के चुनाव में भी यह महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है.
यह भी पढ़ें : धनबाद : शिवशंभू हार्डकोक में छापेमारी II समेत 3 खबरें एक साथ
[wpse_comments_template]