Dhanbad : जनता मार्केट के दुकानदारों को प्रशासनिक तौर पर राहत मिलने के बाद भी वे भारी चिंता में हैं. चिंता दुकानों के किराये को लेकर है. दुकानदारों का आंदोलन रंग लाया और दुकानें तो बच गई. लेकिन स्थिति अभी जस की तस और चिंतनीय बनी हुई है. बोर्ड की तरफ से अब तक लिखित आदेश नहीं मिला है, और न ही दुकान के किराये को लेकर फैसला बताया गया है.
किराया को लेकर अब तक फैसला नहीं
जनता मार्केट के दुकानदारों को चिंता सता रही है कि बोर्ड दुकानों का किराया कितना तय करेगा. बातचीत में दुकानदार दीपक रुईया ने बताया कि इससे पहले भी हम किरायेदार थे और आज भी हैं. उन्होंने बताया कि पहले के मकान मालिक को प्रति दुकान 1000 से ₹1500 का भुगतान किया जाता था. लेकिन अब मार्केट का ऑनरशिप हाउसिंग बोर्ड के पास है, तो अब उनके द्वारा तय किराया ही देना होगा. इसी बात की चिंता है कि आखिर बोर्ड किस रेट पर कितना किराया तय करेगा.
हेड क्वार्टर तय करेगा किराया : अमित सामंता
हाउसिंग बोर्ड के कार्यपालक अभियंता अमित सामंता ने बताया कि मार्केट के मामले में हाउसिंग बोर्ड द्वारा वैसे दुकानदारों से पुनः किराया लेने पर सहमति बनी थी, जो 20 वर्ष से अधिक पुराने हों. दुकानदारों को बोर्ड द्वारा तय किराये पर सहमति देनी होगी.फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आई है. उन्होंने कहा कि मार्केट का किराया हेड क्वार्टर से ही तय होगा, जो अबतक नहीं किया गया है.
दुकानदारों ने हाउसिंग बोर्ड से मांग की है की मार्केट का किराया सरकारी रेट पर तय किया जाए, ना कि किसी बड़े मॉल या बड़े बाजार की तर्ज पर. अगर सरकारी दर पर किराया तय होता है तो दुकानदारों के लिए वरदान साबित होगा.
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