Dhanbad: धनबाद (Dhanbad) नगर निगम में जन्म- मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर घपले- घोटाले को देखते हुए नगर आयुक्त सतेंद्र कुमार ने सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था में बदलाव कर दिया है, ताकि तय समय पर लोगों को प्रमाण पत्र मिल सके. नई व्यवस्था के तहत अब सिर्फ धनबाद, झरिया और छाताटांड़ अंचल के लोगों का नगर निगम प्रधान कार्यालय में जन्म- म्रत्यु प्रमाण पत्र बनेगा. सिंदरी और कतरास के लोग अपने नजदीकी निगम के अंचल कार्यालय में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवा सकेंगे. उन्हें अब धनबाद आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह व्यवस्था शुरू हो चुकी है. ज्ञात हो कि इसी साल जनवरी माह में निगम ने सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था शुरू की थी.
नगर विकास विभाग से दो और कोड की मांग
अभी तक रजिस्ट्रार के रूप में कार्यपालक पदाधिकारी मो अनीस ही काम कर रहे थे. एक ही कोड पर काम हो रहा था. अब नगर आयुक्त ने नगर विकास विभाग से दो और कोड की मांग की है. ये कोड सहायक नगर आयुक्त प्रकाश कुमार, सहायक नगर आयुक्त कंचन कुमारी भदौलिया के नाम से जारी होंगे. कोड जारी होने के बाद ये दोनों पदाधिकारी रजिस्ट्रार के रूप में काम करने लगेंगे.
निगम में 350 आवेदन लंबित
एक ही रजिस्ट्रार होने की वजह से लोगों को समय पर जन्म- म्रत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है. डेढ़ से दो महीने का लंबा इंतजार करना पड़ता है. निगम की इस लेट लतीफी की वजह से लोग दलालों के चक्कर में पड़ जाते हैं. हालत यह है कि नगर निगम के ताजा आंकड़ों के अनुसार 350 आवेदन लंबित पड़े हैं.
दलालों का निगम से है पुराना रिश्ता
नगर निगम में जन्म-म्रत्यु प्रमाण पत्र बनाना कभी आसान नहीं रहा. निगम और एसडीएम ऑफिस के चक्कर में लोगों को लंबी भाग दौड़ करनी पड़ती है. फिर भी अधिकारी समय पर प्रमाण पत्र जारी नहीं कर पाते है. इधर इसी काम को दलाल दो से तीन दिन में पूरा कर देते हैं. जानकारों की मानेंतो निगम कर्मियों की मिली भगत के कारण ऐसा होता है. दलाल कर्मियों तक पैसा पहुंचाने का काम करते हैं. मामले का खुलासा होने पर अधिकारी कर्मी बदल देते हैं. परंतु यह खेल खत्म नहीं होता है.
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