डर के साये में रहने को विवश है पूरा परिवार, कोई सुधि लेनेवाला भी नहीं
Dhanbad: चार दिनों की लगातार बारिश में कच्चा आशियाना ढह गया व अजित सोरेन का परिवार बेघर हो गया. आदिवासी परिवार ने जनवरी में ही पीएम आवास के लिए आवेदन दिया था, जो अब तक नहीं मिला. रानी रोड के डुंगरीधार मोड़ स्थित मांझी बस्ती में अजित का कच्चा मकान ढह चुका है, जिससे परिवार के पांच लोगों को सिर छिपाना भी मुश्किल हो गया है. भुक्तभोगी ने बताया कि बारिश में जब दीवारें दरकने लगी तो दूसरे कमरे में परिवार के सभी लोग एक साथ रहने को मजबूर हैं. उसकी पत्नी सुनीता ने कहा कि उसका परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर है. जनवरी महीने में ही पीएम आवास के लिए आवेदन दिया था. परंतु अब तक स्वीकृत नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि जिस कमरे में रह रही है, वह भी काफी कमजोर है. पूरा परिवार डर के साये में जीने को मजबूर हैं.
सुनीता ने बताया कि घर की दीवार और छत गिरे करीब 24 घंटे हो गए, पर अब तक किसी ने उसके परिवार की सुधि नहीं ली है. आदिवासी सरकार द्वारा आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, परंतु अजित सोरेन को उसका लाभ नहीं मिल रहा है.