Govindpur : गोविंदपुर में व्याप्त भीषण जल संकट को सांसद पीएन सिंह ने गंभीरता से लिया है. सांसद ने इस संबंध में पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता मनीष कुमार को बुधवार को पत्र दिया है और फोन पर बात की है. इसके पूर्व सांसद प्रतिनिधि बलराम प्रसाद साव, गोविंदपुर पश्चिमी की मुखिया ममता देवी, वीरेंद्र रजक आदि ने सांसद को गोविंदपुर के जल संकट से अवगत कराया था. सांसद ने पत्र में लिखा है कि गोविंदपुर प्रखंड के करीब 800 चापाकल खराब पड़े हुए हैं. अनेक सरकारी विद्यालयों के चापाकल खराब पड़े हुए हैं. इससे विद्यार्थियों को भारी परेशानी हो रही है और सरकार की महत्वाकांक्षी मध्याह्न भोजन योजना भी प्रभावित हो रही है. विद्यालयों की रसोइयों को दूर-दराज से पानी लाना पड़ रहा है.
एक कनीय अभियंता व मिस्त्री के भरोसे पूरा प्रखंड
पूरा प्रखंड एक कनीय अभियंता और एक मिस्त्री के भरोसे है. हर वर्ष गर्मी में चापाकल मरम्मत के लिए विशेष टीम का गठन होता था, परंतु इस वर्ष नहीं हो पाया है और एक मिस्त्री के भरोसे चापाकलो की मरम्मत का कार्य संभव नहीं है. गोविंदपुर बाजार क्षेत्र में मैथन जलापूर्ति योजना का पानी लोगों को मिल रहा है. भेलाटांड़ से 1.25 एमएलडी पानी प्रतिदिन गोविंदपुर को दिया जा रहा है, जो पर्याप्त नहीं है. इस कारण सभी क्षेत्रों में नियमित जलापूर्ति नहीं हो पा रही है. दो-तीन दिनों केबाद पानी की आपूर्ति हो रही है.
प्रतिदिन 2.50 एमएलडी जलापूर्ति की जरूरत
गोविंदपुर को प्रतिदिन न्यूनतम 2.50 एमएलडी पानी की आपूर्ति होनी चाहिए. सांसद ने लिखा है कि गोविंदपुर के पंचायत प्रतिनिधियों ने कार्यपालक अभियंता के साथ कई बार बैठक और वार्ता की. परंतु पंचायत क्षेत्र होने का हवाला देकर मांगों को दरकिनार कर दिया गया. इससे गर्मी में पेयजल समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है. पुरानी खुदिया जलापूर्ति योजना बेकार पड़ी हुई है. इस योजना को चालू करने से पेयजल संकट का बहुत हद तक समाधान हो सकता है. श्री सिंह ने गोविंदपुर को प्रतिदिन 2.50 एमएलडी जलापूर्ति करने, बेकार पड़ी खुदिया जलापूर्ति योजना को चालू करने एवं चापाकल मरम्मत के लिए विशेष टीम का गठन करने का निर्देश दिया है.