Ranchi: बिरसा मुंडा हवाई अड्डा के निजीकरण का मामला फिर से गर्म होने लगा है. देश के दस अन्य एयरपोर्ट के साथ रांची एयरपोर्ट के निजीकरण करने का प्रयास फिर से तेज हो गया है. इसे लेकर रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के अधिकारी-कर्मचारियों में अंदेशा बढ़ने लगा है.
फिलहाल रांची एयरपोर्ट अथॉरिटी इस मामले पर मुख्यालय के आदेश की प्रतीक्षा कर रहा है. वह मामले पर कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है. लेकिन अंदर ही अंदर कर्मियों के बीच निजीकरण को लेकर खूब चर्चा हो रही है.
इसे भी पढ़ें- रांची: बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पार्किंग सुविधा मिलने में होगी और देरी
हालांकि यह काफी पुराना मामला है. 2006 में भी रांची एयरपोर्ट के निजीकरण करने की योजना थी. लेकिन घाटे में होने के कारण यह टल गया. 2019 में ही रांची एयरपोर्ट को देश के कुछ अन्य एयरपोर्ट के साथ निजी हाथों में देने की योजना बनायी गई थी. इसमे से कई एयरपोर्ट अहमदाबाद, मेंगलुरू, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुअनंतपुरम और जयपुर हवाई अड्डों का टेंडर हो चुका है. इसके बाद इदौर, त्रिची, रायपुर, भुवनेश्वर के साथ रांची एयरपोर्ट भी एक साथ लाइन पर है.
एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार कोरोना के कारण रांची से महज 80 फीसदी विमान सेवाओं का परिचालन हो रहा है. कोरोना और लॉकडाउन से पहने रांची से यात्रियों की आवाजाही की क्षमता दस हजार प्रतिदिन को पार कर चुकी थी. इससे घाटे वाला रांची एयरपोर्ट मुनाफे में आ गया था. यही कारण है कि इस एयरपोर्ट को भी निजीकरण के दायरे में ला दिया गया है.
इसे भी पढ़ें- देवघर: डीसी ने निर्माणाधीन एयरपोर्ट के अधिकारियों के साथ की बैठक, कहा- स्थानीय लोगों को प्राथमिकता में मिले रोजगार
लॉकडाउन के दौरान बंद विमान सेवाओं के चालू होने के बाद यात्रियों की आवाजाही में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. रांची से अभी प्रतिदिन सात हजार यात्रियों की आवाजाही हो रही है. स्थिति सामान्य होने पर यात्रियों की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी. रांची एयरपोर्ट में सामान्य दिनों में 31 विमान सेवाओं का परिचालन होता है. स्थिति सामान्य होने पर विमान सेवाएं और बढ़ सकती है. हालांकि एयरपोर्ट विस्तारीकरण की योजना अभी लंबित है. निजीकरण करने के मार्ग में यह अड़चन बन सकता है.
प्रभारी निदेशक ने क्या कहा
रांची एयरपोर्ट के प्रभारी निदेशक ने कहा कि यह मामला दिल्ली स्थित एयरपोर्ट अथॉरिटी मुख्यालय पर निर्भर है. मुख्यालय ही इसका निर्णय कर सकता है. उन्होंने बताया कि रांची एयरपोर्ट के विस्तारीकरण होना है. राज्य सरकार से जमीन हस्तांतरण का मामला अभी लंबित है. इन कार्यों के निष्पादन और एयरपोर्ट के संसाधन विकसित होने के बाद निजीकरण होगा.
इसे भी देखें-