- दस अप्रैल को सीएस ने 25 मई तक भुगतान करने का दिया था निर्देश
- आंगनबाड़ी कर्मियों की संख्या 87 हजार है, हर महीने मिलते हैं 6400 रुपये
Ranchi: राज्य में मुख्य सचिव के आदेश को भी अधिकारी नहीं मान रहे हैं. दस अप्रैल को मुख्य सचिव ने सभी विभागों के सचिव को पत्र लिखा था. जिसमें आदेश दिया था कि 25 मई तक सभी अनुबंध, सरकारी और दैनिक कर्मियों का बकाया मानदेय का भुगतान कर दिया जाये. बावजूद इसके राज्य के 87 हजार आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय भुगतान नहीं किया गया है.
आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय पिछले चार महीने से बकाया है. जबकि राज्य सरकार की ओर से इन्हें प्रति माह सिर्फ 6400 रूपये ही दिया जाता है. बात दें कि आंगनबाड़ी कर्मी राज्य में महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आती हैं. मुख्य सचिव की ओर से इस पत्र में यह भी लिखा गया था कि भुगतान को लेकर किसी तरह की परेशानी है तो इसे विभागीय स्तर पर निबटाया जाये.
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मोबाइल खरीद का दिया जा रहा जोर
वहीं, केंद्र सरकार की ओर से पोषण ट्रैक योजना चलायी जा रही है. जिसके तहत आंगनबाड़ी कर्मियों को गर्भवती धात्री महिलाओं की जानकारी मोबाइल के जरिये पोषण ट्रैक पर अपलोड करना है. ब्लॉक स्तर पर कार्यरत सुपरवाईजरों की ओर से आंगनबाड़ी कर्मियों में दबाव बनाया जा रहा है कि वे मोबाइल लें. ऐसे में आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं के बीच भूखमरी की स्थिति है.
झारखंड राज्य आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन की ओर से इस संबध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है.जिसमें मांग की गयी है कि आने वाले एक सप्ताह में सेविकाओं को मानदेय दिया जाये. नहीं तो 15 जून को सभी जिलों में कर्मी काला बिल्ला लगाकर सरकार का विरोध करेंगे. साथ ही सरकार से अच्छी कंपनी के मोबाइल की भी मांग की गयी है.