Hazaribagh: ग्रामीण पेयजल की बड़ी परियोजना के पड़ताल के तीसरे दिन जब टीम विष्णुगढ़ प्रखंड के गोविंदपुर पंचायत पहुंची. तो देखा यहां भी इस परियोजना से ग्रामीणों को पेयजल देने का काम किया जा रहा है. पूरी परियोजना की लागत 5 करोड़ 41 लाख 64 हज़ार 399 है. जिसमें 31 जनवरी 2021 तक 5 करोड़ 43 लाख 90 हज़ार 460 रुपये की निकासी कर ली गई है. करीब 70 फीसदी घरों में जिन्हें नल का कनेक्शन देना था, वह हो पाया है. और इसकी एमआईएस एंट्री दिखाई गयी है. जबकि हकीकत यह है कि, कई टोला में पाइप लाइन बिछाने का काम ही नहीं किया गया है. साथ ही पानी की सप्लाई रोज नहीं हो पाती है.
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कई वार्ड में नहीं बिछाया गया है पाइप लाइन
गोविंदपुर के वार्ड नंबर 16, 11, 10, 44, 5 और 13 में कई जगहों पर पाइप लाइन बिछाने का काम हुआ ही नहीं है. अगर देखा जाए तो एक तिहाई बस्ती में पानी के कनेक्शन के लिए पाइप अभी तक बिछाया ही नहीं गया है. प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जांच रिपोर्ट में इन सब बातों का उल्लेख किया है. ऐसे में पूरी योजना को पूर्ण दिखाना और फिर इस अधूरे कार्य के लिए देखरेख और मेंटेनेंस का खर्च 2 साल से लेते रहना, भारी वित्तीय अनियमितता को दिखाता है.
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उप-विकास आयुक्त ने कर्रवाई का दिया आश्वासन
लगातार डॉट इन ने जब इन सब बातों का खुलासा किया तो, उप-विकास आयुक्त ने इस पूरे मामले पर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है. उन्होंने कहा है कि इस मामले को वरिष्ठ अधिकारियों को लिखा जाएगा और संबंधित विभाग से स्पष्टीकरण मांगने के पश्चात कार्रवाई का काम किया जाएगा.
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कनेक्शन के नाम पर पैसे की वसूली का आरोप
गोविंदपुर के स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि, ठेकेदार तो घर तक कनेक्शन लाकर दिया ही नहीं है. और कनेक्शन लेने का सरकारी रेट जो 310 रुपये है, उसके अतिरिक्त उन्हें दो से तीन हजार अतिरिक्त खर्च करने पड़ते हैं. तब कहीं जाकर उनके घरों तक नल का कनेक्शन दिया जाता है.
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ठेकेदारों पर आंख मूंद बैठा है पेयजल विभाग
इन सब भारी गड़बड़ियों के बाद भी विभाग के कार्यपालक अभियंता ठेकेदार अजय सिंह के प्रति क्यों सहानुभूति रखते हैं ? इसका अंदाजा स्वतः लगाया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो पूरे विभाग पर दो ठेकेदार की दोस्ती सर चढ़कर बोलती है. जिनमें से एक अजय सिंह है, और पूरा विभाग इनके आगे नतमस्तक है.
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