Ranchi: रिम्स परिसर से जेनरिक दवाओं की दुकान दवाई दोस्त को हटाने का बीजेपी ने विरोध किया है. बीजेपी का कहना है कि राज्य में ड्रग लॉबी के कारण दवाई दोस्त हटाया जा रहा है. राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री बताएं कि रिम्स परिसर से सस्ती जेनरिक दवा की दुकान हटाने का औचित्य और तार्किक आधार क्या है. क्या सरकारी जेनेरिक दवाओं की दुकान चलाने में सरकार की दिलचस्पी नहीं है. दरअसल ड्रग लॉबी हावी है इसलिए लोगों को महंगी दवाइयां ही खरीदनी होगी.
हटाने का फैसला गरीबों पर कुठाराघात है
रांची संसद संजय सेठ ने कहा है कि रिम्स में इलाज करवाने के लिए अधिकतर गांव-देहात के लोग आते हैं. ये लोग प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं करा सकते और महंगी दवाईयां नहीं खरीद सकते. हर रोज रिम्स आने वाले सैकड़ों मरीजों को दवाई दोस्त से सस्ती दवाईयां मिल जाती हैं. लोगों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था किये बिना रिम्स परिसर से दवाई दोस्त हटाने का फैसला गरीबों पर कुठाराघात है.
जेनरिक दवाई दुकानें और खुलनी चाहिए
बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि दवाई दोस्त की जेनरिक एवं एकदम सस्ती दवाई से जन सामान्य को लंबे समय से लाभ मिल रहा है. सरकार को चाहिए था कि ऐसी दुकानें ज़िला और प्रखंड स्तर तक खुलवाकर ग़रीबों को लाभान्वित कराती. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से आग्रह किया है कि दवाई दोस्त बंद न हो इसके लिए वो सकारात्मक कदम उठायें.
इसे भी पढ़ें- महंगाई पर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, नरेंद्र मोदी और रामेश्वर उरांव के खिलाफ लगे नारे
एक महीने में दुकान खाली करने का नोटिस
मंगलवार को रिम्स परिसर में बने दवाई दोस्त दुकान को रिम्स प्रबंधन ने हटाने का आदेश दिया है. रिम्स शासी परिषद की 41वीं बैठक 21 नवंबर 2105 को हुई थी. छह साल पुराने निर्णय को आधार बनाते हुए रिम्स निदेशक ने एक महीने में दुकान खाली करने का निर्देश दिया है, जबकि खुद रिम्स प्रबंधन ने 2020 में दवाई दोस्त दुकान को विस्तार करने का आदेश दिया था. वहीं अब सवाल उठ रहा है कि बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के सस्ती दर पर मरीजों को दवाई उपलब्ध कराने वाली दुकान को क्यों बंद किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें- क्या झारखंड में BJP के लिए अलग और कांग्रेस के लिए अलग है कानून – बीजेपी