Ranchi: जिला के कांके प्रखंड में इन दिनों मनरेगा योजना के तहत जितने भी विकास कार्य चल रहे हैं, सभी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. मनरेगा मद की राशि का मिलीभगत कर बंदरबांट करने का आरोप है. इसमें प्रखंड कार्यालय एवं ग्राम पंचायत के सदस्यों के गठजोड़ की बात सामने आ रही है. इस मामले में डीएसओ की भूमिका संदिग्ध बतायी जा रही है. उनपर आरोपी बीडीओ को बचाने का आरोप लग रहा है.
मामला प्रकाश में आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा जांच टीम का गठन किया गया. लेकिन जांच के नाम पर अब लीपापोती करने का काम किया जा रहा है. योजना मद की राशि गबन करने के आरोपी कांके बीडीओ, इंजीनियर, आपूर्तिकर्ता, रोजगार सेवक, मुखिया भी जांच टीम के साथ घूम रहे हैं. जांच के नाम पर खानापूर्ति करने का आरोप “बिरसा मुंडा भ्रष्टाचार निरोधक संगठन” ने लगाया है.
लाभुकों को चुप कराने का किया गया प्रयास
बिरसा मुंडा भ्रष्टाचार निरोधक संगठन की ओर से कांके प्रखंड के निर्माणाधीन सिंचाई कूपों का निरीक्षण किया गया. जहां समय पर लाभुकों को सामग्री उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है. कई लाभुक ऐसे भी मिले, जिन्हें कूप निर्माण के लिए अपना खेत, पशु और अन्य कीमती सामान तक बेचने पड़े. शिकायत के बाद कई लोग मामले को दबाने में लग गए. लाभुकों के बैक खाने में पैसे डाल उन्हें चुप कराने का प्रयास किया गया. प्राप्त सूचना के अनुसार सावधानी कुजूर के बैंक खाते में 16,500 रूपये डाले गये. उन्हे शेष राशि बाद में देने की बात कही जा रही है. वहीं वैसे कूपों को भी तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है, जो मनरेगा योजना के तहत मौजूद ही नहीं हैं.
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जांच पर उठ रहे कई सवाल
जांच टीम के साथ वैसे लोग योजना स्थल जाते हैं, जिनपर राशि गबन का आरोप है. कांके प्रखंड में काम कर रहे “बिरसा मुंडा भ्रष्टाचार निरोधक संगठन” के सदस्यों ने कांके प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत चल रहे सिंचाई कूप निर्माण योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर प्रखंड स्तर से लेकर जिले के आलाधिकारियों को पत्र लिखा था. जिसके बाद इस मामले की जांच शुरु की गई. लेकिन जांच टीम जिस तरह से जांच कर रही है, उस पर संगठन के सदस्यों ने सवाल खड़ा किया है. संगठन की कल्पना बाड़ा ने लगातार न्यूज को बताया अध्यक्ष, लाभुक से रोजगार सेवक द्वारा घूस लेना कोई बड़ी बात नहीं है.
योजना की राशि का गबन
सावधानी कुजूर, लाभुक का कूप धंसा, आपूर्तिकर्ता को फरवरी 2021 में 1,55,516 रुपये का भुगतान मनरेगा योजना मद से प्रखंड कार्यालय के सांठगांठ से किया गया था, लेकिन समय पर सामग्री नहीं मिलने के कारण कूप धंस गया. कांके प्रखंड के सुकुरहुट्टु पंचायत की लाभुक सावधानी कुजूर, जिनका योजना कोड 3401007031/आईएफ/7080901523460 है, जो वर्ष 2020-21 की योजना है.
सावधानी कुजूर ने फरवरी माह से ही कूप की खुदाई शुरु करवाई जो अप्रैल तक 32 फीट तक खुदाई हो चुकी थी, लेकिन इस बीच आपूर्तिकर्ता द्वारा कूप पाटने के लिए सामाग्री नहीं गिराया गया, जबकि एमआईएस रिकॉर्ड के अनुसार आपूर्तिकर्ता को 1 लाख 55 हजार 516 रुपये का भुगतान फरवरी माह में ही किया जा चुका था. मेटेरियल समय पर नहीं मिलने के कारण कूप धंस गया.
आपूर्तिकर्ता ने कूप धंसने के बाद एक ट्रैक्टर घटिया क्वालिटी का बोल्डर,एक ट्रैक्टर चिप्स, एक ट्रक ईंट और 16 बोरा सीमेंट उपलब्ध करवाया, लेकिन अब ये सामान किसी काम की नहीं, सावधानी कुजूर ने आरोप लगाया कि, मई महीने में 25 हजार रुपये कैश इंजीनियर जयंत कुमार ने उन्हें दिया और और 42 हजार रुपये के वाउचर पर हस्ताक्षर करवा लिया.
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किसी तरह जुटाये पैसे, फिर भी नहीं हुआ काम
वहीं कांके प्रखंड, पिठोरिया पंचायत के लाभुक मुमताजुल अंसारी ने सिंचाई कूप निर्माण के नाम पर आपूर्तिकर्ता द्वारा 77 हजार 908 रुपये की निकासी पहले ही कर ली गई है. लेकिन मुमताजुल को सिर्फ 1 टर्बो ईंट और तीन ट्रैक्टर अनसाइज पत्थर आपूर्तिकर्ता द्वारा दिया गया, जबकि कूप पाटने के लिए मुमताजुल ने अपने परिजन, महिला स्वयं सहायता समूह से कर्ज लेकर और अपनी बकरी बेच कर अब तक 1 लाख 30 हजार रुपये घर से कूप निर्माण में लगा चुके हैं. मुमताजुल ने ये भी कहा किर मैटेरियल सही समय पर मिला होता, तो अब तक मेरा कूप बन कर तैयार हो जाता, लेकिन अब तो कूप धंस चुका है.