Gurabanda (Sanat Kumar Pani) : गुड़ाबांदा प्रखंड के सिंहपुरा पंचायत अंतर्गत माकड़ी टोला धतकीडीह में एक सबर वृद्धा टूटी हुई झोपड़ी में अपने बेटे के साथ रहने को विवश है. सबर वृद्धा कि यह जिंदगी आदिम युग की याद दिला रही है और तमाम सरकारी दावों को खोखला साबित कर रही है. आखिर बरसात के मौसम में इस टूटी झोपड़ी में सबर वृद्धा कैसे रहती है? विलुप्त होती सबर जन जाति के उत्थान के लिए सरकार कई योजनाओं को चला रही है. मगर आज भी अनेक सबर परिवार ऐसे हैं जो आदिम युग की जिंदगी जी रहे हैं. धतकीडीह टोला की सायबनी सबर की उम्र काफी ज्यादा है. लेकिन अब तक उसका आधार कार्ड नहीं बन पाया है. इस कारण उन्हें पेंशन व आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. उसका बेटा मंगल सबर दिहाड़ी मजदूरी करता है.
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पंचायत सचिव को जारी किया जायेगा शो कॉज
मंगल सबर ने बताया कि उसने दो बार अपनी मां का आधार कार्ड बनवाने की कोशिश की. परंतु दोनों ही बार आधार नहीं बन पाया. विदित हो कि सिंहपुरा पंचायत के ज्वालकाटा में गुड़ाबांदा प्रखंड कार्यालय है. इसके बावजूद अब तक सायबानी सबर जैसी वृद्धा को आधार, पेंशन और आवास जैसी सुविधा नहीं मिल पाई है. इन्हें महीने भर में मात्र 35 किलो अनाज ही मिलता है. इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी स्मिता नगेशिया ने बताया कि उन्हें सायबानी सबर की जानकारी मिली है. आधार कार्ड जल्द ही बनाया जायेगा. सायबानी सबर के आधार कार्ड नहीं होने और इसकी जानकारी प्रखंड कार्यालय को क्यों नहीं दी गई, इसके लिए संबंधित पंचायत सचिव को शो कॉज किया जायेगा.