Dumka : राजकीय पुस्तकालय में परिचर्चा का आयोजन किया गया. परिचर्चा में छात्रों के साथ-साथ उपायुक्त रविशंकर शुक्ला एवं प्रशिक्षु डीएफओ भी शामिल हुए. परिचर्चा में विचार व्यक्त करते हुए लेखक चंद्रहास चौधरी ने कहा कि पुस्तकें मनुष्य की सबसे विश्वसनीय मित्र है. किताब मनुष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है तथा कठिन से कठिन समस्याओं के निदान के लिए बल प्रदान करती है. जिस व्यक्ति को पुस्तकों से लगाव है वह कभी एकाकी नहीं होता. पुस्तकालय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी समाज तथा राष्ट्र के उत्थान में पुस्तकालय का महत्व अहम है. छात्रों से उन्होंने अलग-अलग विषयों पर पुस्तकें पढ़ने की अपील की. उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए. उनकी किताब माय कंट्री इज लिटरेचर: एडवेंचर्स इन द रीडिंग लाइफ में बिभूतिभूषण बंदोपाध्याय से लेकर जवाहरलाल नेहरु तक के लेख शामिल हैं.
परिचर्चा में उपायुक्त ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पुस्तकों का अपना महत्व है. किस पुस्तक को पढ़ना है इसका निर्णय आपलोगों को करना चाहिए. वैसे पुस्तकों का चयन करना चाहिए जो उपयोगी हो.
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