Dumka: दुमका प्रखंड के कैराबानी पंचायत के पाकड़डीह गांव की 44 वर्षीय दिव्यांग आदिवासी महिला सुमित्रा हेम्ब्रोम का न तो आधार कार्ड है और न ही पेंशन मिल रहा है. सुमित्रा का कहना है कि आधार कार्ड नही होने के कारण ही उसे दिव्यांग को मिलने वाली पेंशन भी नही मिल रही है. सुमित्रा को 11 वर्ष पूर्व पेरालासिस मारा था. तब से उसका बायां हाथ और पैर ठीक से काम नही करता है.
गरीबी के कारण वो अपना इलाज ठीक से नही करा पायी. सुमित्रा का कहना है कि दिव्यांग होने के कारण उसे रोजमर्रा के कामकाज करने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है. उसकी हालत को देखकर एक परिचित पगान हेम्ब्रोम को दया आ गयी. वे उसका आधार कार्ड बनवाने के लिय सुमित्रा को दुमका के यूनियन बैंक और नगरपालिका कार्यालय स्थित आधार केंद्र पर ले गये. लेकिन निराश हो कर लौटना पड़ा.
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पगान हेम्ब्रम का कहना है कि आधार केंद्र में कहतें हैं इसका आंख बहुत हिल रहा है. इस कारण इसके आंख के रेटिना को मशीन कैप्चर नही कर पा रहा है. इस कारण आधार नहीं बन पा रहा है. ओपेरटर का कहना है कि आधार के लिय आंख और हथेली का मशीन में कैप्चर होना बहुत जरुरी है. अब देखने वाली बात यह है कि सुमित्रा को पेंशन मिल पाती है या ऐसे ही उन्हें इंतजार करना पड़ेगा.
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