LagatarDesk : देश की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट और फाउंडर्स सचिन बंसल और बिन्नी बंसल को ईडी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इन पर फॉरेन इन्वेस्टमेंट लॉ या विदेशी निवेश कानूनों के उल्लंघन का आरोप है. रॉयटर्स के अनुसार, ईडी ने फ्लिपकार्ट और उसके फाउंडर्स पर 10,000 करोड़ का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है.
2009 से 2018 के बीच का है मामला
जानकारी के मुताबिक, यह मामला 2009 से 2015 के बीच का है. सूत्रों ने बताया कि जुलाई में ईडी के चेन्नई ऑफिस ने फ्लिपकार्ट, उसके फाउंडर्स सचिन और बिन्नी बंसल और मौजूदा निवेशक टाइगर ग्लोबल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. उनको पूछा गया था कि उन पर 10,000 करोड़ का जुर्माना क्यों न लगाया जाये. यह मामला उन आरोपों की जांच से जुड़ा है जिसमें फ्लिपकार्ट ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया और एक संबंधित पार्टी, डब्ल्यूएस रिटेल, फिर उपभोक्ताओं को अपनी शॉपिंग वेबसाइट पर सामान बेच दिया, जो कानून के तहत विरुद्ध था.
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जवाब देने के लिए मिला 90 दिन का समय
सूत्रों के अनुसार, फ्लिपकार्ट और दूसरे पक्षों को नोटिस का जवाब देने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है. WS Retail ने 2015 के अंत में अपना कामकाज बंद कर दिया था. टाइगर ग्लोबल ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. बिन्नी बंसल और सचिन बंसल ने अभी तक कोई स्टेटमेंट नहीं दिया है. इसके अलावा ईडी ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
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वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में खरीदी बड़ी हिस्सेदारी
बता दें कि वॉलमार्ट ने 2018 में फ्लिपकार्ट में 16 अरब डॉलर में मैज्योरिटी हिस्सेदारी खरीदी थी. यह अब तक का सबसे बड़ा सौदा था. सचिन बंसल ने उस समय अपनी हिस्सेदारी वॉलमार्ट को बेच दी थी,. जबकि बिन्नी बंसल ने एक छोटी हिस्सेदारी बरकरार रखी थी. जुलाई में 3.6 बिलियन डॉलर के फंडिंग राउंड के बाद फ्लिपकार्ट का वैल्युएशन तीन साल से भी कम समय में दोगुना होकर 37.6 बिलियन डॉलर हो गया. इस दौरान सॉफ्टबैंक ने बाजार में शुरुआत से पहले कंपनी में फिर दोबारा निवेश किया.
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