Ranchi: बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के अधीक्षक हामिद अख्तर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें मंगलवार को समन जारी कर दिया है. इसमें 26 जून को ईडी के रांची जोनल ऑफिस में उपस्थित होने को कहा गया है. वहीं दूसरी तरफ जयंत कर्नाड के करीबी अधिवक्ता हिमांशु मेहता को भी ईडी ने समन भेजकर 28 जून को ईडी ऑफिस में उपस्थित होने को कहा है. ईडी ने हामिद अख्तर और जेल में बंद मनी लॉन्ड्रिंग के कई सत्ता से जुड़े आरोपियों को अनुचित लाभ देने का आरोप लगाया है, जिनमें निलंबित आईएएस पूजा सिंघल और छवि रंजन, पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश, कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल, सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा शामिल हैं.
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छवि रंजन और प्रेम प्रकाश की जेल में मुलाकात को लेकर होगी पूछताछ
छवि रंजन और प्रेम प्रकाश की जेल में मुलाकात के ताजा खुलासे के बाद ईडी ने हामिद अख्तर को तलब करने का फैसला किया है. प्रेम प्रकाश ने जेल में छवि रंजन से मुलाकात की थी. ईडी ने छवि रंजन, अमित अग्रवाल और अन्य के खिलाफ चार्जशीट में छवि रंजन और प्रेम प्रकाश की जेल में मुलाकात का जिक्र किया है. कहा की दो आरोपी अवैध रूप से एक उच्च सुरक्षा जेल के अंदर मिल रहे हैं, यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि साजिश अभी भी चल रही है.
हामिद अख्तर लंबे समय से विवादों में हैं
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हामिद अख्तर लंबे समय से विवादों में हैं. इससे पहले भी कई मौकों पर उन्होंने ईडी के सामने समन आने पर पेश होने से इनकार कर दिया था. उन्होंने ईडी को जेल के सीसीटीवी फुटेज सौंपने से भी इनकार कर दिया था. साथ ही ईडी से बचने के लिए अदालती लड़ाई भी लड़ी. इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज भी नष्ट कर दिए.
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अधिवक्ता हिमांशु कुमार मेहता के द्वारा हाईकोर्ट में प्रस्तुत किए गए दस्तावेज और दावे गलत थे
ईडी की जांच में पता चला है कि अधिवक्ता हिमांशु कुमार मेहता द्वारा झारखंड हाईकोर्ट को प्रस्तुत किए गए जयंत कर्नाड के दस्तावेज और दावे गलत थे. उन्होंने जानबूझकर हाईकोर्ट के समक्ष विशिष्ट तथ्यों को छुपाया, क्योंकि सेना खुद किराए का भुगतान करने के लिए सही दावेदार की तलाश कर रही थी. उन्होंने हाईकोर्ट के समक्ष इस तथ्य को छुपाया कि याचिकाकर्ता यानी जयंत कर्नाड के पास उत्तराधिकार प्रमाणपत्र नहीं है, जो कि बचाव पक्ष द्वारा आवश्यक था. जयंत कर्नाड और हिमांशु कुमार मेहता ने साथ मिलकर झारखंड हाईकोर्ट से कागजात या साक्ष्य तैयार करके अनुकूल आदेश प्राप्त किए, जो संपत्ति के लिए जयंत कर्नाड के उत्तराधिकार को साबित कर सकते थे. ईडी ने कहा है कि उनकी मां मालती कर्नाड और स्व. बीएम मुकुंद राव का खून का रिश्ता है. ईडी की जांच में यह भी पता चला कि बीएम मुकुंद राव के पुत्र बीएम लक्ष्मण राव का नाम एमएस प्लॉट नंबर की रैयत के रूप में दर्ज है.