मुख्य बिंदु
- राज्य में 10 प्रतिशत भी नहीं हो सका स्कूलों में वैक्सीनेशन का कार्य पूरा.
- मार्च तक स्कूलों में विद्यार्थियों को वैक्सीन देने का लिया गया है लक्ष्य.
- 15 से 17 वर्ष के बच्चों को दिया जाएगा वैक्सीन.
- 95 प्रतिशत वैक्सीनेट हो चुके हैं स्कूल के टीचर और स्कूल के स्टाफ.
- राज्य में कुल 42 लाख विद्यार्थियों, 35 लाख बच्चों को स्कूल जाने की मिली छुट
Ranchi : राज्य सरकार के आदेश के बाद अब झारखंड में भी स्कूल खुल चुकी हैं. हालांकि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति काफी कम देखने को मिल रही है. वहीं शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पहले दिन राज्य भर के स्कूलों में महज 40 प्रतिशत बच्चे ही पहुंच सकें. राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले महज 10 प्रतिशत बच्चों को कोरोना का टीका दिया जा सका है. इससे साफ है की टीकाकरण में राज्य सरकार पूरी तरह से विफल साबित होती दिखाई पड़ रही है.
हालांकि राज्य सरकार ने स्पष्ट कहा है कि जो भी स्कूल खुले हैं. उनमें कोरोना गाइड लाइन के तहत ही बच्चो को शिक्षा दी जाये. कोरोना गाइडलाइन के तहत राज्य सरकार ने नई एसओपी जारी की है, इस एसओपी के तहत साफ कहा गया है जो बच्चे अपने घरों पर ही ऑनलाइन कक्षा लेने में सक्षम है, वह अपने घर पर ही पठन-पाठन का कार्य कर सकते हैं. इसके लिए उनपर पर किसी प्रकार का दबाव नहीं दिया जाएगा. हालांकि राज्य सरकार द्वारा स्कूल खुलते ही यह सख्त निर्देश दिया गया है कि विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ वैक्सीनेशन दिया जाना अनिवार्य है और इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपने जरूरी है.
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95 प्रतिशत टीचर और स्टाफ वैक्सीनेट
शिक्षा विभाग ने मार्च के अंत तक स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को वैक्सीन देने का लक्ष्य लिया है. वहीं अब तक लगभग 95 प्रतिशत टीचर और स्टाफ वैक्सीनेट है. फिलहाल झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 42 लाख है. जिसमें लगभग 35 लाख बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति सरकार द्वारा दी गई है. राज्य सरकार द्वारा 17 जिलों में 1 से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं खोलने को लेकर आदेश जारी कर दिया गया है. वहीं सात वैसे जिले हैं जहां 1 से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं बंद पड़ी है.
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वैक्सीनेशन अधूरी होने से अभिभावक नहीं भेज रहे हैं बच्चो को स्कूल
जिला स्कूल में पढ़ने वाले रमेश शर्मा के पिता राजकुमार शर्मा ने बताया कि अब तक सरकारी स्कूलों में बच्चों को वैक्सीनेशन नहीं दिया गया है. वैक्सीनेशन का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है. स्कूल यह सुनिश्चित कराएं कि हम बच्चों को जल्द वैक्सीन दे देंगे. वैक्सीन मिलने के बाद बच्चों में सुरक्षा का कवच बन जाएगा. जिसके बाद हम सभी अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेज सकेंगे.
राजकीयकृत मध्य विद्यालय तेतरी नामकुम में पढ़ने वाले हेमंत कुमार के पिता घनश्याम कुमार ने बताया कि हमारे क्षेत्र के अधिकांश बच्चे वैक्सीन केंद्रों से वैक्सीन लेकर आ चुके हैं. पहला डोज मिल चुका है, दूसरे डोज के इंतजार में है. जबकि यह वैक्सीन दिलाने का काम स्कूल प्रशासन का होना चाहिए था.
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सरकारी स्कूल की तुलना में प्राइवेट स्कूलों में वैक्सीनेशन की स्थिति अच्छी
स्कूली बच्चों को वैक्सीन देने के मामले में सरकारी स्कूलों की तुलना में प्राइवेट स्कूल प्रशासन काफी चुस्त दिखाई पड़ रहा है. जहां जिला स्कूल की प्राचार्य दीपा चौधरी ने बताया कि हमारे स्कूल में 9वीं से 12वीं कक्षा के मात्र 7 प्रतिशत ही बच्चों का वैक्सीनेशन हो पाया है. हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि अपने 9वीं से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले सारे बच्चों को वैक्सीन दिला सके. वही एचएम पब्लिक स्कूल चुटिया के प्राचार्य अरविंद कुमार ने बताया कि हमारे यहां 9वीं से 12वीं के लगभग 70 प्रतिशत बच्चों को वैक्सीन लग चुका है, 30 प्रतिशत बच्चों का वैक्सीनेशन हम जल्द कर लेंगे.
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