Ranchi: राजधानी रांची समेत राज्य के 50 शहरी निकायों की सड़कों और बस्तियों में अब अंधेरा नहीं दिखेगा. एक हफ्ते के भीतर सभी खराब पड़े स्ट्रीट लाइट बदले जाएंगे. इइएसएल (एनजर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड) को नगर विकास विभाग ने एक हफ्ते में सभी खराब लाइटों को बदलने का निर्देश दिया है. नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने इइएसएल को खराब लाइटों और स्वीच को बदलने के साथ 44 घंटे के भीतर पुरानी सभी शिकायतों को त्वरित समाधान करने का निर्देश दिया है.
ऑनलाइन मॉनिटरिंग डेस्क बनाया जाएगा
नगर निकायों के साथ ऑनलाइन बैठक में विनय चौबे ने ये निर्देश दिया है. विभाग की ओर से ऑनलाइन बैठक कर शहरी निकायों में इइएसएल द्वारा लगाए गए एलईडी स्ट्रीट लाइट की समीक्षा की गई. इस दौरान सचिव ने निर्देश दिया कि लाइट से संबंधित आनेवाली शिकायतों के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग डेस्क बनाया जाए और शिकायत से लेकर निराकरण तक का अपडेट इस डेस्क दिया जाए. साथ ही किसी भी खराबी को 48 घंटे में दुरुस्त करना सुनिश्चित किया जाये.
बाकी बचे स्ट्रीट लाइट भी जल्द लगेंगे
बैठक में नगर निकायों द्वारा अबतक किए गए एकरारनामा की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की गयी और आवश्यक निर्देश दिया गया. स्वीकृत एलइडी लाइट के विरुद्ध लगाये गये लाइट के अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गयी और बाकी बचे लाइट को जल्द से जल्द लगाने का निर्देश दिया गया. इसके साथ हीं खराब लाइट और स्वीच को एक सप्ताह में बदलने का निर्देश दिया गया.
कंप्लिशन सर्टिफिकेट कंपनी को दें
निकायों द्वारा एलइडी लाइट लगाने के बाद दिये गए कंप्लिशन सर्टिफिकेट की भी विभाग ने जानकारी ली. निकायों को निर्देश दिया गया कि जितनी लाइट लग चुकी है उसका कंप्लिशन सर्टिफिकेट कंपनी को दें. सचिव ने निर्देश दिया कि जो काम हो गया है और कंपनी ने जो बिल निकायों को सौंपा है उसका भी भुगतान किया जाए.
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रांची और लातेहार में इसी महीने से सेंट्रलाइज्ड स्विच ऑन-ऑफ की व्यवस्था
इइएसएल के प्रतिनिधियों ने विभागीय सचिव को आस्वस्त किया कि जुलाई महीने से रांची और लातेहार नगर निकाय में ऑनलाइन स्वीच ऑन और स्वीच ऑफ की व्यवस्था शुरु होगी. एक ही बार में पूरे शहर की बिजली सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से ऑन और ऑफ होगी. इन दोनों नगर निकायों में पायलट के तौर पर जीपीएस और सीसीएमएस आधारित सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल सिस्टम तैयार हो रहा है जो अंतिम दौर में है.
बिजली की बर्बादी हुई तो कंपनी को भरना होगा हर्जाना
वहीं विभाग के संयुक्त सचिव अरविन्द कुमार मिश्रा ने कंपनी को चेताया कि अगर बेवजह शहरों में दिन में भी स्ट्रीट लाइट जलते पाया गया तो उस बिजली के बर्बादी के लिए इइएसएल जिम्मेदार होगी और उसका हर्जाना रखरखाव देख रही कंपनी को भरना होगा.
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