Ranchi : फूड सेफ्टी और टेस्टिंग को लेकर चैंबर कार्यालय में बैठक हुई. इसमें राज्य में होने वाले फूड सैंपलों की जांच का मामला उठाया गया. इस दौरान फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के रीजनल डायरेक्टर प्रमोद दहीतुले और रांची जिला फूड सेफ्टी ऑफिसर मौजूद रहे. चैंबर सदस्यों ने बताया कि खाद्य पदार्थों की सैंपल टेस्टिंग में काफी समय लगता है. साथ ही रिपोर्ट भी काफी समय में मिलती है. वहीं राज्य में उपस्थित टेस्टिंग लैब्स की स्थिति सही नहीं है. न ही उनमें पर्याप्त संसाधन है. ऐसे में व्यवसायियों को सही समय पर रिपोर्ट नहीं मिल पाती. आधुनिक तकनीक को देखते हुए, इस कार्य के लिए उच्च तकनीक की जरूरत होती है, लेकिन राज्य में उपलब्ध लैब्स में ये संसाधन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में चैंबर की ओर से इन संसाधनों को उपलब्ध कराने और समय पर टेस्टिंग रिपोर्ट देने की मांग की गयी. दहीतुले ने बताया कि झारखंड में माइक्रो लेवल पर टेस्टिंग की हरसंभव सुविधा के प्रयास हो रहे हैं. टेस्टिंग टीम के लिए फुलटाइम टेक्निकल टीम के चयन की प्रक्रिया पर भी विचार हो रहा है. जल्द ही उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी.
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लाइसेंस रिन्यूएल का उठा मामला
एफएसएसएआई के रीजनल डायरेक्टर को इस दौरान लाइसेंस की जानकारी दी गयी. चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने बताया कि अथॉरिटी की ओर से लाइसेंस रिन्यूएल में समय लगता है. ऐसे में कई बार अथॉरिटी की ओर से रजिस्ट्री नंबर बदल दी जाती है, जबकि कई बार उत्पाद स्टॉक में रहते है और रजिस्ट्री नंबर बदलने से उत्पादों की बिक्री में असर पड़ता है. इस पर प्रमोद दहीतुले ने जानकारी दी कि इस मामले को जल्द निबटाया जायेगा. केंद्र स्तर पर इसकी तैयारी की जा रही है, जिससे रिन्यूअल के बाद नंबर में बदलाव न हो.