NewDelhi : खबर है कि केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय रूस-यूक्रेन युद्ध से संकट में फंसे लगभग 16 हजार भारतीय मेडिकल छात्रों को भारत के कॉलेजों में दाखिला दिलाने की कवायद कर रहा है. मंत्रालय सूत्रों के अनुसार संभवत: शुक्रवार को इस मुद्दे पर अहम बैठक हो सकती है. सरकार चाहती है कि यूक्रेन से लौटे इन छात्रों की पढ़ाई पर असर न हो. इस संबंध में केंद्र सरकार फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंसिएट रेगुलेशन (एफएमजीएल) एक्ट में बदलाव पर विचार कर रही है.
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स्वास्थ्य मंत्रालय नेशनल मेडिकल कमीशन को पत्र भेजेगा
जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को पत्र भेजा जा रहा है, जिसमें कहा जायेगा कि एफएमजीएल रेगुलेशन एक्ट-2021 में बदलाव किया जाये ताकि बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन मिल सके. जान लें कि अभी तक विदेशों के मेडिकल कॉलेजों से पढ़ाई करने वाले छात्रों को कोर्स की पूरी अवधि के अलावा ट्रेनिंग और इंटर्नशिप भारत से बाहर ही करनी होती है. यूक्रेन में 6 साल में एमबीबीएस होता है. फिर 2 साल इंटर्नशिप होती है. ऐसे में पढ़ाई बाधित हुई तो हजारों बच्चों का भविष्य संकट में पड़ जा सकता है.
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छात्रों को निजी व डीम्ड कॉलेज में मिल सकता है एडमिशन
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि भारत के किसी भी मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए उसी वर्ष नीट परीक्षा पास करनी होती है जबकि भारत के बाहर के मेडिकल कॉलेजों में नीट परीक्षा पास करने के तीन वर्ष के अंदर कभी भी दाखिला ले सकते हैं. विदेशों से जितने भी मेडिकल छात्र देश में आ रहे हैं उनमें ज्यादातर एमबीबीएस स्टूडेंट्स ही हैं. खबरों के अनुसार फॉरेन मेडिकल छात्रों को सरकारी कॉलेज में एडमिशन की संभावना नहीं. लेकिन निजी, डीम्ड कॉलेज में दाखिला मिल सकता है.
ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प नहीं के बराबर
बता दें कि इन छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प नहीं के बराबर है, क्योंकि यूक्रेन में इंफ्रास्ट्रक्चर इस हद तक तबाह हो चुका है कि ऑनलाइन पढ़ाई कराना अभी मुमकिन नहीं है. यह भी जान लें कि कोरोनाकाल में चीन से लौटे मेडिकल छात्रों को भी लाभ मिल सकेगा. कहा गया है कि चीन और यूक्रेन से लौटे करीब 25 हजार छात्रों को एफएमजीएल एक्ट में बदलाव का लाभ मिल सकता है. क्रीमिया युद्ध के समय 2014 में दो कॉलेज वार जोन एरिया में आये थे. तब यहां के कुछ बच्चों ने रूस और कुछ ने यूक्रेन में ट्रांसफर ले लिया था.