Ranchi: झामुमो ने प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी पर तिखे प्रहार किए हैं. जिसमें उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ हो रहा है. वैसे ये वाजपेयी तो अटल बिहारी वाजपेयी वाले नहीं हैं. मगर जो भी है वे सही बोल रहे हैं. क्योंकि आज भ्रष्टाचार की परिभाषा बदल गई है. देश में जो भ्रष्टाचारी भाजपा में आ जाए या भाजपा खेमे में आ जाए, उसे भाजपा अपने वाशिंग मशीन में धो कर खुद में आत्मसात कर लेती है. जिसके खिलाफ ईडी, सीबीआई, कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, उन्हें भाजपा में लाकर या भाजपा के सहयोगी दलों के साथ होने पर चुनाव टिकट दिया जा रहा है, चुनाव लड़ाया जा रहा है. देश में ऐसे नेताओं की संख्या बहुत है. जिसे पूरे देश जानती है. चाहे वह अजीत पवार हों, एकनाथ सिंदे हों, छग्गन भुज्जबल हों या फिर आंध्र में रेडी परिवार. झारखंड में भी जिनके खिलाफ सीबीआई के मामले चले उन्हें और उनके परिवार को लेकर चुनाव लड़ाया जा रहा है. आज देश में आजादी के बाद सबसे अधिक राजनीतिक भ्रष्टाचार बढ़ा है. जिसकी पोषक भाजपा है. यह बातें झामुमो के प्रधान महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही.
इलेक्शन कमीशन राष्ट्रपति और राजा के फोटो पर संज्ञान क्यों नहीं ले रहा
सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक बार फिर कहा कि जब देश के सारे भारत रत्न विजेता के परिवार राष्ट्रपति भवन जाकर पुरस्कार ले सकते थे तो आडवाणी जी के परिवार उन्हें या खुद राष्ट्रपति भवन क्यों नहीं गए. क्या राष्ट्रपति और एक आदिवासी महिला को बेइज्ज्त करने के लिए उन्हें आडवाणी जी का घर ले जाया गया. एक फोटो जो पूरे में दिखा कि एक राष्ट्रपति जो एक महिला भी है, एक आदिवासी भी है. वो हाथ बांधे खड़ी है और देश का अहंकारी राजा बैठकर मुस्कुरा रहे हैं. यह बंधे हुए हाथ का फोटो इलेक्शन कमीशन को क्यों नहीं दिखा. किसके इशारे पर वह एक्शन लेने से बच रहा है. क्या यह आचार संहिता उल्लंघन का मामला नहीं बनता है.
चुनावी बांड पर अब झूठे दलील देते फिर रहे हैं पीएम
भट्टाचार्य ने कहा कि जब चुनावी बांड के भ्रष्टाचार की पोल सुप्रीम कोर्ट में खोल दी तो अब प्रधानमंत्री इसे येन-केन प्रकरेण सही करार देते फिर रहे हैं. इसे मोदी की गांरटी बता रहे हैं. जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें यह पता चलना चाहिए कि कौन-कौन किसे चुनावी बांड के जरिए पैसा दिया. इसके बाद भी एक प्रधानमंत्री इसके पीछे जो तर्क दिए फिर रहे हैं. यह है राजनीतिक भ्रष्टाचार. इस राजनीतिक भ्रष्टाचार से देश को सबसे बड़ा खतरा है.
भाजपा जनता को भरमाए नहीं, दस साल में दस काम बता कर चुनाव लड़े
भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा जनता को भरमाए नहीं. भाजपा महंगाई, बेरोजगारी, चुनावी बांड के जरिए चंदा दो, धंधा लो, शिक्षा और स्वास्थ्य का निजीकरण, देश के संपत्तियों को बेच देना, किसानों पर लाठी-गोली चलवाने आदि मु्द्दे पर बहस करे. देश के सामने में भाजपा 10 साल में 10 काम सामने लाकर चुनाव में आए और बहस करे. भ्रष्टाचार की नयी पारिभाषा न गढे़. देश की जनता जानती है कि कैसे एक सिविल केस में एक सीएम को फंसा कर जेल में डाल दिया जाता है. जब राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाने की तैयारी करती है तो एक राजनीतिक व्यक्ति पूर्व तानाशाही सीएम को उड़ीसा का राज्यपाल बना दिया जाता है.
ढुल्लू को बाबूलाल कैसे अपराधी कह सकते हैं
बाबूलाल जी ढुल्लू महतो को कैसे अपराधी कह सकते हैं. ढुल्लू को पहली बार विधायक किसने बनाया. जब वे झाविमो छोड़कर भाजपा में चल गए तो ढुल्लू के खिलाफ क्या-क्या बोलते थे. गूगल से निकाल लें या पुरानी अखबारों को खंगाल लें. भ्रष्टाचार और भ्रष्टचारी की नयी पारिभाषा बाबूलाल जी गढ़ने का काम कर रहे हैं और ढुल्लू और बाबूलाल के आतंरिक संबंध क्या हैं, यह भी किसी से छिपी नहीं है.
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