झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के बैनर तले बदलाव संकल्प महासभा का आयोजन
Koderma : झुमरीतिलैया ब्लॉक मैदान में झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के बैनर तले बदलाव संकल्प महासभा का आयोजन किया गया. महासभा में झारखंड के कोडरमा, चतरा, हजारीबाग, गिरिडीह, लोकसभा के हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और आम लोग पहुंचे. वक्ताओं ने अपनी-अपनी बातों को रखा. झारखंड अपने निर्माण के 22 सालों के बाद भी आज शोषण से मुक्त नहीं हुआ है. राज्य की नौकरशाही ने इस राज्य को सिर्फ लूटा है. साथ ही यहां के नेताओं ने भी सिर्फ अपनी तिजोरी को भरी है. झारखंड की स्थानीय नीति, नियोजन नीति, पुनर्वास नीति में कोई स्पष्टता नहीं है. झारखंडी की पहचान आज तक परिभाषित नहीं हो पायी है. स्थानीय नीति को झारखंडी भावनाओं के अनुरूप परिभाषित करने की जरूरत है. बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की उपधारा 85 के तहत झारखंड सरकार के पास भी यह हक है कि संयुक्त बिहार के समय का कोई भी अधिनियम, संकल्प या बजट को अंगीकृत कर सकते हैं. इसी के तहत 1932 की नियोजन नीति को अंगीकृत कर बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी नियोजन की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए. जयराम महतो ने कहा कि कोडरमा लोकसभा क्षेत्र सहित आसपास के इलाकों में जन समस्याओं का अंबार है. जिला प्रशासन व सरकार को इसपर ध्यान देने की जरूरत है. इसके अलावा क्षेत्र के अभ्रक कारोबार और पत्थर कारोबारियों की जो दिक्कतें हैं, उसे दूर किया जाये.
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