Ranchi : सीपीआइ(एम) के राज्य सचिव प्रकाश विपल्व ने कहा है कि राज्य सरकार के एक मंत्री के निजी सहायक के घरेलू कामगार के यहां से छापेमारी में करोड़ों रुपये की बरामदगी, इस तथ्य को सही साबित करता है कि राजनीतिक भ्रष्टाचार के हमाम में सभी नंगें हैं. एक ओर भाजपा ने इलेक्टोरल बांड से अवैध रूप से हजारों करोड़ की राशि का जुगाड़ किया और दूसरी ओर विपक्ष के कुछ गैर वामपंथी दलों के नेताओं और उनके संपर्कों के यहां से करोड़ों रुपये की अवैध राशि का मिलना लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है.
विपक्ष के भ्रष्ट नेताओं के यहां से अवैध धन की बरामदगी उचित नहीं
विप्लव ने कहा कि यह सही है कि केंद्रीय सरकार की एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग (आईटी) और सीबीआई अब निष्पक्षता से अपना काम नहीं कर केंद्र के सत्तारुढ़ दल के इशारे पर विपक्ष को अपना निशाना बना रहे हैं. लेकिन विपक्ष के भी कुछ भ्रष्ट नेताओं के यहां से भारी मात्रा में अवैध धन की बरामदगी को उचित नहीं ठहराया जा सकता है. देश में एकमात्र वामपंथी दल सीपीआई (एम) ही है, जो इतने दिनों तक पहले प.बंगाल और त्रिपुरा में तीन दशकों तक और वर्तमान में केरल में सरकार चलाने के बावजूद उसपर विरोधियों की भी हिम्मत नहीं हुई कि पार्टी पर किसी तरह के भ्रष्टाचार का आरोप लगाए. सीपीआई (एम) एक मात्र पार्टी है, जो अपने विचारधारा के आधार पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर सार्वजनिक जीवन में कड़े अनुशासन को लागू करती है. कोई इस अनुशासन को भंग करता है तो उसे पार्टी तुरंत बाहर का रास्ता दिखा देती है.यह देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक सटीक उदाहरण है. सीपीआई (एम) ही एकमात्र राजनीतिक दल है, जिसने इलेक्टोरल बांड से चंदा उगाही का केवल विरोध ही नहीं किया बल्कि सुप्रीम कोर्ट तक इस मामले को ले गयी.
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