Chandigarh : पंजाब कांग्रेस में जारी विवाद थमता नहीं दिख रहा है. खबर है कि शनिवार को पार्टी महासचिव और राज्य प्रभारी हरीश रावत सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू को मिलवाने सरकारी चॉपर से चंडीगढ़ गये थे, लेकिन बात बनी नहीं.
जानकारी के अनुसार हरीश रावत शनिवार दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ पहुंचे. वहां से सीधे मुख्यमंत्री के मोहाली स्थित फार्म हाउस गये., जहां सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ चर्चा की. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वह दर्शाना चाहते थे कि सीएम को विश्वास में ले लिया गया है. सिद्धू की नियुक्ति उनकी मंजूरी से ही होगी. लेकिन रावत सीएम और सिद्धू की भेंट कराने में असफल रहे.
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पार्टी चीफ सोनिया जो फैसला करेंगी, वह स्वीकार होगा
सूत्रों के अनुसार रावत ने अमरिंदर से आग्रह किया कि वे नवजोत सिंह सिद्धू से मिल लें, पर सीएम ने साफ इनकार कर दिया, कहा कि सिद्धू जब तक सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं, तब तक वह उनसे मुलाकात नहीं करने वाले. हालांकि, रावत से भेंट बाद सीएम ने कहा कि पार्टी चीफ सोनिया जो फैसला करेंगी, वह सबको स्वीकार होगा.
सूत्रों की मानें तो सीएम ने रावत से कहा कि पीपीसीसी चीफ की नियुक्ति के मसले को जिस प्रकार पार्टी हाईकमान ने संभाला है, वह उससे खुश नहीं हैं. समय पूर्व घोषणाएं की गयी और खबरें लीक हुईं. जिस तरीके से मल्लिकार्जुन खड़गे पैनल बना, उसे लेकर भी कैप्टन ने एतराज जताया.
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अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नाराजगी जतायी थी
जान लें कि शुक्रवार को अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया था कि सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाये जाने से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं को झटका लग सकता है. पूर्व क्रिकेटर सिद्धू के लिए पीसीसी अध्यक्ष पद का रास्ता साफ तो हुआ पर सीएम के इस रुख की वजह से कांग्रेस हाईकमान उनके नाम के नियुक्ति का ऐलान अब तक नहीं कर सका है. कांग्रेस हाईकमान सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की इकाई का प्रमुख बनाने के मूड में है, इसी की कवायद चल रही है