NewDelhi मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में व्यापक फेरबदल होगा. कहा जा रहा है कि शिवसेना और भाजपा में कुछ खिचड़ी पक रही है. माना जा रहा है कि भाजपा अपने पुराने सहयोगी शिवसेना को भी इसमें शामिल कर सकती है. द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार के लिए आईबी को कथित तौर पर संभावित मंत्री के नामों की एक सूची जांच के लिए दी गयी है.
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संजय राउत कुछ समय से पीएम मोदी पर नरम रहे हैं
इसका कारण यह हो सकता है कि भाजपा अपने पुराने सहयोगी शिवसेना को महाराष्ट्र में अस्थिर गठबंधन सरकार को गिराने के लिए राजी करने की उम्मीद कर रही है. ऐसे में शिवसेना को मंत्रिमंडल में रखा जा सकता है. महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी सरकार जा सकती है. बता दें कि शिवसेना नेता और सामना के संपादक संजय राउत पिछले कुछ समय से पीएम मोदी पर अनैच्छिक रूप से नरम रहे हैं.
ठाकरे को सीएम रहने दिया जाये , फडणवीस को दिल्ली बुलाया जाये
पैच-अप फॉर्मूला यह हो सकता है कि उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र का सीएम रहने दिया जाये और देवेंद्र फडणवीस को दिल्ली बुलाया जाये. जानकारों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री के पास नागपुर का आशीर्वाद हो सकता है, लेकिन वह भाजपा आलाकमान के पसंदीदा नहीं हैं, खासकर तब से जब उन्होंने पार्टी के पोस्टरों पर नरेंद्र के साथ अपना पहला नाम देवेंद्र डाला था.
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शिवसेना कांग्रेस के राज्य प्रमुख नाना पटोले के मुख्यमंत्री बनने के बयान से नाराज
उधर शिवसेना कांग्रेस के राज्य प्रमुख नाना पटोले के मुख्यमंत्री बनने और चुनाव अकेले लड़ने के बयान से नाराज़ है. साथ ही केंद्रीय एजेंसियों से भी परेशान है जो सदस्यों(शिवसेना) की जांच कर रही है संजय राउत और भाजपा के पूर्व मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार की मुलाकात के बाद से महाराष्ट्र में सियासी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. रह-तरह की कयासों के बीच संजय राउत ने अपनी चुप्पी तोड़ है और शेलार से मुलाकात पर सफाई दी है. राउत ने कहा कि हम एक सामाजिक कार्यक्रम के दौरान मिले हैं.
महाराष्ट्र की राजनीति भारत और पाकिस्तान जैसी नहीं है.
एएनआई के अनुसार राउत ने कहा, मैं आशीष से सिर्फ सोशल गैदरिंग में मिला हूं. महाराष्ट्र की राजनीति भारत और पाकिस्तान जैसी नहीं है. राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, हम मिलकर रहते हैं. जान लें कि एनआइए, सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा महाराष्ट्र में चल रही विभिन्न जांचों ने शिवसेना नेताओं की नींद उड़ा रखी है. बता दें कि वर्तमान में केंद्रीय मंत्रिमंडल में 53 मंत्री हैं. संविधान के अनुसार अधिकतम 81 मंत्री बनाये जा सकते हैं. इस हिसाब से मंत्रिमंडल में 28 और लोगों को शामिल किया जा सकता है.