New Delhi : किसान संगठनों ने उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए कमर कस ली है. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने समाचार चैनल आजतक से बातचीत में कहा कि किसान नेताओं के चुनाव लड़ने का विकल्प खुला है.
5 सितंबर को मुजफ्फरनगर महापंचायत में होगा फैसला
टिकैत ने कहा कि मुजफ्फरनगर में सितंबर में एक मीटिंग होगी. वहीं आगे की रणनीति तय होगी. सरकार के पास बातचीत के लिए दो महीने का वक्त है. उन्होंने कहा कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब से किसान इस महापंचायत में आयेंगे और आगे की रणनीति पर विचार करेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि महापंचायत से पहले अगस्त तक सरकार के दिमाग में कुछ है, तो वह उसकी तैयारी कर सकती है. उन्होंने भी कहा कि यह पंचायत संयुक्त किसान मोर्चा की होगी. इसकी तारीख 5 सितंबर रखी गयी है. किसान नेता ने कहा कि महापंचायत में आगे की बात संयुक्त किसान मोर्चा करेगा. यहां एक चैप्टर खत्म हो जायेगा और आगे के चैप्टर की बात मुजफ्फरनगर से तय होगा.
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जो वोट देते हैं, वह चुनाव लड़ सकते हैं, इसमें गलत क्या
टिकैत ने कहा कि हर जगह से किसान मुजफ्फरनगर में इकट्ठा होंगे. यहां देशभर के किसानों के लिए आगे की रूपरेखा तय होगी. किसान नेताओं के चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो वोट देते हैं, वह चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो उसमें गलत क्या है. राकेश टिकैत ने साफ किया कि वह चुनाव नहीं लडेंगे. दिल्ली जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली जाने का कॉल देगा, तो वहां भी जायेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर किसानों का साधन है. अगर ट्रैक्टर सामने है तो वह किसी और की नहीं सुनता है. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर से सितंबर में नयी क्रांति की शुरुआत होगी.