Lagatar Desk : अगर आप प्रमुख समाचार चैनलों को देख कर और हिंदी के कुछ अखबार पढ़कर अपनी राय कायम करते हैं, तो आपको लगता होगा कि किसान आंदोलन सिर्फ और सिर्फ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तरप्रदेश तक महदूद है. लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है.
किसान आंदोलन की आग पूरे देश में फैली है, यह अलग बात है कि राष्ट्रीय मीडिया इसे दिखाने-बताने में गुरेज करता है. आंदोलनकारी किसान संगठनों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर जुलूस निकालने की घोषणा की थी. दिल्ली समेत देश के 20 राज्यों में किसानों या किसानों के समर्थन में 26 जनवरी को लोग निकले. कहीं ट्रैक्टर जुलूस निकला, तो कहीं बाइक रैली.
अंग्रेजी के प्रसिद्ध अखबार द हिंदू ने 26 जनवरी को देश के अन्य राज्यों में किसानों के समर्थन में निकाली गयी रैली और जुलूस की एक इलस्ट्रेशन प्रकाशित किया है.
इस इलस्ट्रेशन के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने सीमा पोस्ट, सिंघु, गाजीपुर और टिकरी में ट्रैक्टर जुलूस की अनुमति दी थी. लेकिन पुलिस के साथ झड़पों के बाद किसान तय रूट से हटकर आइटीओ और लालकिला पहुंच गये. ट्रैक्टर रैली में करीब 2 लाख किसानों ने भाग लिया और करीब 50 हजार पुलिस जवानों की तैनाती की गयी.
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पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया
पंजाब में किसानों ने जिला मुख्यालयों, ब्लॉक मुख्यालयों और गांवों में ट्रैक्टर रैली निकाली, तो हरियाणा में दिल्ली सीमा की तरफ कूच कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. दिल्ली-जयपुर रोड पर किसानों ने शांतिपूर्ण रैली निकाली. राजस्थान में शाहजहांपुर से मानेसर और जयपुर से कोटपुतली तक विशाल ट्रैक्टर परेड निकाली गयी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गृह प्रदेश में केंद्रीय कृषि बिलों के खिलाफ उत्तरी गुजरात, कच्छ और सौराष्ट्र के जिला मुख्यालयों में विरोध-प्रदर्शन हुए. भाजपा शासित मध्यप्रदेश के 55 जिलों में से कम से कम 20 जिलों में ट्रैक्टर और बैलगाड़ियों का जुलूस निकाल कर किसानों ने अपना विरोध जताया.
महाराष्ट्र में 21 जिलों से 25 हजार किसान आजाद मैदान में जमा हुए और राष्ट्रध्वज लहराया. इसी तरह कर्नाटक, आंध्रप्रदेश में, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी किसानों ने जगह-जगह रैलियां निकालीं और विरोध प्रदर्शन किये.
झारखंड में भी राजधानी रांची के साथ औद्योगिक शहरों जमशेदपुर और बोकारो समेत कई जिलों में ट्रैक्टर रैलियां निकाली गयीं और विरोध-प्रदर्शन किये गये. इस इलेस्ट्रेशन के अनुसार सिर्फ जम्मू-कश्मीर लद्दाख और पूर्वोत्तर के राज्यों को छोड़कर लगभग पूरे भारत में किसान आंदोलन को किसानों के साथ राजनीतिक दलों और गैर राजनीतिक संगठनों का समर्थन मिला.
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कहां-कहां पहुंची किसान आंदोलन की आंच
पंजाबः किसानों ने गांव, प्रखंड मुख्यालय व जिला मुख्यालय में ट्रैक्टर रैली निकाली.
हरियाणाः दिल्ली की तरफ जा रहे किसानों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया. यह घटना दिल्ली-जयपुर रोड की है.
राजस्थानः शाहजहांपुर से मनेसर तक और जयपुर से कोटपुटली तक किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली.
गुजरातः उत्तरी गुजरात, कच्छ और सौराष्ट्र इलाके में किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया.
मध्य प्रदेशः कुल 55 जिलों में से 20 जिलों में किसानों ने ट्रैक्टर व बैलगाड़ी रैली निकाली.
महाराष्ट्रः राज्य के 21 जिलों से 25000 से तिरंगा झंडे के साथ आजाद मैदान में जुटे.
हिमाचल प्रदेशः शिमला में किसान बिल के खिलाफ प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया.
उत्तराखंडः हरिद्वार और उधमसिंह नगर में शांतिपूर्वक ट्रैक्टर रैली निकाली गयी.
उत्तर प्रदेशः पूर्वी यूपी के किसानों ने लखनउ में ट्रैक्टर रैली की तैयारी की थी. पुलिस द्वारा किसान नेताओं की गिरफ्तारी की वजह से यह नहीं हो सका.
कर्नाटकः बैंगलुरु में 125 ट्रैक्टरों की रैली निकाली गई. क्योंकि प्रशासन से सिर्फ 125 ट्रैक्टरों की रैली करने की ही इजाजत दी थी.
तेलंगनाः हैदराबाद समेत राज्य के 25 जगहों पर कृषि बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया गया.
आंध्रप्रदेशः जिला व प्रखंड मुख्यालय में 25 जगहों पर प्रदर्शन किया गया.
बिहारः राजद व कांग्रेस ने विभिन्न जिलों में मोटरसाइकिल रैली निकाली.
झारखंडः किसानों ने मोटरसाइकिल रैली निकाली. किसानों ने देवघर से गोड्डा तक रैली निकालने की तैयारी की है.
पश्चिम बंगालः वाम और कांग्रेस पार्टी के किसान संगठन ने राज्य के 23 जिलों में ट्रैक्टर व मोटरसाइकिल रैली निकाली.
छत्तीसगढ़ः राजधानी छत्तीसगढ़ में भाजपा कार्यालय के सामने किसानों ने प्रदर्शन किया.
ओडिशा संबलपुर और बोलांगीर जिला में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली.
तमिलनाडु विभिन्न जिलों में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली.