New Delhi : ट्विटर ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा केवल भारत में ही कुछ खातों को बंद करने के निर्देश के तहत उसने कुछ अकाउंट पर रोक लगायी है. इनकी संख्या करीब 500 है. हालांकि इस माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं एवं मीडिया के ट्विटर हैंडल को ब्लॉक नहीं किया है. ट्विटर का कहना है कि ऐसा करने से अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा. ट्विटर ने कहा कि वह अपने उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन जारी रखेगा. इसके लिए वह भारतीय कानून के तहत विकल्पों पर विचार कर रही है जो ट्विटर एवं उपयोगकर्ताओं के खातों को प्रभावित करते हैं.
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किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक एवं भड़काऊ सामग्री डाली जा रही
गौरतलब है कि सरकार ने ट्विटर से एक हजार से अधिक अकाउंट को बंद करने को कहा था. इन खातों से कथित तौर पर देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक एवं भड़काऊ सूचनाएं साझा की जा रही हैं. सरकार ने आदेश का पालन नहीं करने पर ट्विटर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी है. ट्विटर ने अपने ब्लॉगपोस्ट में कहा कि नुकसानदेह सामग्री कम नजर आये, इसके लिए कदम उठाये गये हैं. इनमें ऐसे हैशटैग को ट्रेंड करने से रोकना एवं सर्च के दौरान इन्हें देखने की सिफारिश नहीं करना शामिल है.
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खालिस्तानी-पाकिस्तानी तत्वों का हाथ होने का शुबहा
ट्विटर ने आईटी मंत्रालय को भी इन उपायों को लागू करने की जानकारी दी है. ट्विटर ने बताया कि उसने मंत्रालय के आदेशों के तहत 500 से अधिक अकाउंट पर कार्रवाई की है. इनमें अकाउंट को स्थायी तौर पर बंद करने का कदम भी शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार 257 ट्विटर हैंडल्स ने आपत्तिजनक हैशटैग के साथ पोस्ट किया था. इनमें से 126 अकाउंट्स को पहले ही ब्लॉक कर दिया गया है. इसके अलावा सरकार को 1178 खातों पर शक है कि वे खालिस्तानी, पाकिस्तानी तत्वों से जुड़े हैं. सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि ट्विटर एक मध्यस्थ की तरह काम करता है. इसलिए केंद्र सरकार निर्देशों का पालन करना उसकी जिम्मेदारी है. ऐसा करने से मना करने पर उसे इसका खामियाजा भुगतना होगा.