Chakulia : चाकुलिया प्रखंड के सरडीहा पंचायत में तीन माह से मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान नहीं होने के कारण मनरेगा का काम ठप है. मजदूर काम करने नहीं आ रहे हैं. इसके कारण आम की बागवानी योजना को झटका लगा है. कई रैयतों के पास आम के पौधे सप्ताह भर पूर्व ही पहुंचा दिए गए हैं. परंतु मजदूर नहीं आने के कारण पौधों का रोपण नहीं हो रहा है. किसानों ने पौधारोपण के लिए गड्ढे भी खुदवा लिए हैं. घेराबंदी मद में राशि का आवंटन नहीं होने के कारण जमीन की घेराबंदी नहीं हो पाई है.
गड्ढों की खुदाई की मजदूरी भी नहीं मिली
पंचायत के सांपधरा गांव के किसान दुर्गा सोरेन ने बताया कि आम पौधों के रोपण के लिए गड्ढों की खुदाई कई माह पूर्व ही कर ली गई. राशि नहीं मिलने के कारण जमीन की घेराबंदी नहीं हुई है. सात दिन पूर्व आम के 117 पौधे उनके यहां पहुंचा दिए गए. रोपण कार्य करने के लिए मजदूर नहीं आ रहे हैं, क्योंकि तीन माह पूर्व किए गए काम के बदले मजदूरी का भुगतान अब तक नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि वे अपने स्तर से जमीन की घेराबंदी बांस से कर रहे हैं. आम के पौधों में रोजाना पानी देते हैं ताकि पौधे सूख न जाएं. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह हुए आम के पौधों का रोपण करवाना चाहते हैं. इसी तरह और भी कई किसान मजदूरों के अभाव में पौधों का रोपण नहीं करवा पा रहे हैं. पंचायत के मुखिया शमसार मुर्मू और पंचायत सचिव तरणी महतो ने बताया कि तीन माह से मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है इसलिए मजदूर काम करने नहीं आ रहे हैं. गौरतलब है कि इस योजना की तहत रैयत किसानों को अपनी जमीन देनी होती है और उस पर आम के पौध रोपण से लेकर, गड्ढे खोदने, घेराबंदी के काम मनरेगा योजना के तहत सरकार करवाती है. स्वावलंबन योजना के तहत आम के फलों को किसान बेचते हैं और मुनाफा कमाते हैं.