Delhi : राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election 2022) को लेकर विपक्ष खुद को एकजुट करने में जुटा है. इसको लेकर पहले दौर की बैठक हो चुकी है. ममता बनर्जी द्वारा बुलायी गई बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ-साथ फारुक अब्दुल्ला, गोपाल कृष्ण गांधी (Gopal Krishna Gandhi) और एनके प्रेमचंद्रन के नाम की चर्चा हुई थी. हालांकि शरद पवार ने पहले ही राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से इंकार कर दिया था. अब फारुख अब्दुल्ला ने भी चुनावी मैदान में उतरने से मना कर दिया है. वहीं विपक्ष मोदी सरकार की मनमानी को रोकने के लिए एक मजबूत राष्ट्रपति उम्मीदवार ढूंढने के साथ-साथ वोट के भी जुगाड़ में जुटा है.
फारुक अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा कि वह ममता बनर्जी के आभारी हैं कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए उनके नाम को आगे बढ़ाया. साथ ही उन्होंने समर्थन का वादा करने वाले नेताओं का भी धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि मैंने इस इस पर काफी विचार किया. मेरा मानना है कि जम्मू-कश्मीर इस समय कठिन हालात से गुजर रहा है, जिससे निपटने के लिए मेरी मदद की जरूरत है. इसलिए मैं अपना नाम इस आदर के साथ वापस लेता हूं.
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जानिये राष्ट्रपति चुनाव का गणित
राष्ट्रपति चुनाव के लिए यूपीए और एनडीए गठबंधन के उम्मीदवारों में टक्कर होगी. मौजूदा समय में एनडीए के पास करीब 48 फीसदी वोट हैं. वहीं यूपीए के पास इस समय 23 फीसदी के आसपास वोट है. अगर पूरा विपक्ष एकजुट हो गया तो यूपीए के पास करीब 51 फीसदी वोट हो जाएंगे. हालांकि ऐसा होता दिख नहीं रहा है. पिछले राष्ट्रपति चुनाव में बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस ने एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में वोट किया था. इस बार भी कुछ ऐसा ही समीकरण बनता दिख रहा है. हालांकि अभी तक राष्ट्रपति उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की गई है.
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