Ranchi : राजधानी से सटे 170 गांवों का डेवलपमेंट का काम थम गया है. इन गांवों में मकान का नक्शा भी पास नहीं हो रहा है. क्योंकि रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) के जोनल प्लान से 170 गांव गायब हो गये हैं. इससे रिंग रोड के आसपास बसने वाली बड़ी आबादी विकास योजनाओं से वंचित हो जायेगी. गांव क्यों छूट गये? इस सवाल का जवाब जिम्मेदारों के पास नहीं है.
जबकि वर्ष 2037 की जरूरतों को ध्यान में रखकर रांची के जोनल प्लान का ड्राफ्ट तैयार किया गया है. निगम के मास्टर प्लान में 170 गांवों को शामिल नहीं किया गया है. इस वजह से आरआरडीए इन गांवों में घरों का नक्शा पास नहीं कर रहा है. अब जोनल प्लान में भी इन गांवों को छोड़ दिया गया, तो न मास्टर प्लान में संशोधन होगा और न जोनल प्लान का उद्देश्य पूरा होगा.
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जानिये विकास कार्य पर कैसे पड़ेगा असर
जोनल मास्टर प्लान में जो गांव शामिल नहीं हैं, उन गांवों के विकास कार्य पर इसका असर पड़ेगा. राजधानी और रिंग रोड के आसपास 170 गांवों में अवैध तरीके से घर बनेंगे. नक्शा पास नहीं होने पर, घर बनाने के लिए बैंक से लोन भी नहीं मिलेगा. वहीं सीवरेज-ड्रेनेज, सड़क, तालाब, पार्क आदि विकास कार्य नहीं होंगे. क्योंकि मास्टर प्लान या जोनल प्लान में इसका कोई जिक्र ही नहीं है.
2037 को देखते हुए तैयार हुआ है जोनल ड्राफ्ट
रांची के मास्टर प्लान 2037 के जोनल प्लान का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. मास्टर प्लान को सात जोन में बांटकर जोनल प्लान तैयार किया गया है. जिसमें रांची के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की योजना बनायी गयी है. रांची नगर निगम ने जोनल डेवलपमेंट प्लान के ड्राफ्ट को सार्वजनिक करते हुए आम लोगों से आपत्ति और सुझाव मांगा है.
31 दिसंबर तक आमलोग भेज सकते हैं अपना सुझाव
आम लोग रांची नगर निगम की वेबसाइट पर जोनल डेवलपमेंट प्लान के ड्राफ्ट को देख सकते हैं. प्लान में कहीं आपत्ति या किसी तरह का सुझाव हो तो 31 दिसंबर तक निगम को भेज सकते हैं.
किसी व्यक्ति को अपनी जमीन से संबंधित किसी तरह की कोई आपत्ति हो तो वह मौजा, थाना नंबर, खाता नंबर, प्लॉट नंबर के साथ आवेदन पत्र नगर आयुक्त के नाम पर दे सकते हैं. 31 दिसंबर के बाद किसी भी तरह की आपत्ति और सुझाव स्वीकार नहीं किया जायेगा.
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जोनल प्लान में क्यों छूट गये गांव, क्यों हुई लापरवाही?
नगर निगम में स्थाई टाउन प्लानर नहीं है. कॉनट्रैक्ट या दूसरे विभाग के इंजीनियर को टाउन प्लानर बनाकर भेजा जाता है. वे नक्शा पास करने में व्यस्त रहे. मास्टर प्लान या जोनल प्लान को टाउन प्लानर से लेकर नगर आयुक्त तक ने कभी गंभीरता से नहीं लिया.
जोनल प्लान के ड्राफ्ट में आबादी के अनुपात में
सड़कों की चौड़ाई नहीं बढ़ायी गयी है. 37 साल पुराने यानी 25 वर्षों की आबादी को ध्यान में रखते हुए, वर्ष 1983 में बने मास्टर प्लान में सड़कों की चौड़ाई जितनी बतायी गयी थी. जोनल प्लान में भी उतनी ही चौड़ी बतायी गयी है. हकीकत में सड़क की चौड़ाई 37 वर्ष पहले प्रस्तावित चौड़ाई से भी कम है.
सात प्लानिंग एरिया में बांटा गया है जोनल प्लान
जोनल प्लान को सात प्लानिंग एरिया में बांटा गया है. इसे जोन ए,बी, सी, डी,ई, एफ और जी कैटेगरी में बांटकर विकास की योजना तैयार की गयी है.
भविष्य में बढ़ने वाली आबादी और ट्रैफिक लोड को देखते हुए रिंग रोड के अंदर एक और इनर सर्कुलर रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव दिया गया है. मास्टर प्लान में भी इनर सर्कुलर रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव था. लेकिन जमीन की वजह से इसपर काम शुरू नहीं हुआ. अब जोनल प्लान में फिर इनर सर्कुलर रिंग रोड का प्रस्ताव देने से साफ है कि मास्टर प्लान की कॉपी करके जोनल डेवलपमेंट प्लान तैयार किया गया है.
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