सीतारमण ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लिया और तंज कसते हुए कहा, मेरी हिंदी भी एंटरटेनिंग है, थोड़ा सुन लीजिए.
New Delhi : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शुक्रवार को श्वेत पत्र पर लोकसभा में चल रही बहस में भाग लेते हुए काफी तल्ख लहजे में कहा UPA सरकार सत्यानाश करके गयी, हमने इसे सुधारा. वे अर्थव्यवस्था को संदर्भ में बोल रही थी. विपक्ष पर हमलावर होते हुए कहा कि आज लोग मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं.
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#WATCH | Finance Minister Nirmala Sitharaman says, “In the CAG report on the Coal Scam stated that it caused a loss of Rs 1.86 lakh crore for India…” pic.twitter.com/rclj66jTI6
— ANI (@ANI) February 9, 2024
#WATCH | On ‘White paper’ brought by BJP in the parliament, Congress MP Jairam Ramesh says, “Surgical strike was mentioned in the white paper, but not demonetisation, unemployment, inflation, and the rising economic disparity. The issues that should be addressed in the white… pic.twitter.com/CYqIvsmUJY
— ANI (@ANI) February 9, 2024
“You (UPA govt) turned coal into ashes but through our policies, we turned the coal into diamond,” says Finance Minister Nirmala Sitharaman in Lok Sabha pic.twitter.com/cGtWj5hDp6
— ANI (@ANI) February 9, 2024
देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गयी
बता दें कि कल गुरुवार को निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में भारतीय अर्थव्यवस्था पर 59 पेज का श्वेत पत्र प्रस्तुत किया था. श्वेत पत्र के अनुसार जब 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था की स्थिति नाजुक थी. हमने इसे संभाला. कहा कि 2014 में जब मोदी सरकार आयी तो कठोर फैसले लिये गये. जिससे अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटी. वित्तमंत्री ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गयी है. कहा कि हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है.
सीतारमण ने आज कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला, कोल ब्लॉक एलोकेशन कोल स्कैम, बैंक NPA सहित अन्य मुद्दों पर UPA सरकार के 10 साल के कार्यकाल पर निशाना साधा. सीतारमण ने कहा कि UPA की नीति कभी भी नेशन फर्स्ट नहीं रही. आरोप लगाया कि UPA ने फैमिली फर्स्ट नीति सामने रखकर अर्थव्यवस्था को डुबाया, जबकि हमारी नीति सदा नेशन फर्स्ट की रही
मार्च 2014 में टॉप 200 कंपनियों का बैंकों पर 8.6 लाख करोड़ बकाया था
वित्त मंत्री ने संसद में बताया कि मार्च 2014 में टॉप 200 कंपनियों का बैंकों पर 8.6 लाख करोड़ बकाया था. हमने (मोदी सरकार) 4 रिफॉर्म्स लागू किये, कानून लाये, बैंकों का मर्जर किया गया. वित्त मंत्री ने कहा, हमने प्रोफेशनल बोर्ड और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स बनाये. आज उसका रिजल्ट सामने है. बैंकों के एनपीए में गिरावट आयी है. यह 3.2 फीसदी पर आ गया है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि पब्लिक सेक्टर के बैंकों की कमाई बढ़ गयी है. ये बैंक कर्ज में डूबे हुए थे. आज जन कल्याण के कामों में लगे हुए हैं.
आप हमें क्रोनिक कैपिटलाइजेशन पर ज्ञान दे रहे हैं
सीतारमण ने कहा कि 2020 से 9 बार ऑक्शन में कोल ब्लॉक का एलोकेशन हुआ है, हमने पीछे के दरवाजे से मेरे भाई, मेरे बहन, मेरे भतीजे को एलोकेशन नहीं दिया. विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि और आप हमें क्रोनिक कैपिटलाइजेशन पर ज्ञान दे रहे हैं. कहा कि हमने कोल माइंस एक्ट पास करवाया. विदेशी फंडिंग की शुरुआत हुई, क्योंकि हमने 100 फीसदी एफडीआई की.
यूपीए सरकार ने कोल स्कैम के जरिए देश को बहुत बड़ा झटका दिया
वित्त मंत्री ने यूपीए सरकार ने कोल स्कैम के जरिए पूरे देश को बहुत बड़ा झटका दिया. तंज कसा कि आपने कोयला को राख बना दिया. हमने अपनी नीतियों के तप से कोयले को हीरा बना दिया. वही हीरा खनिज क्षेत्र में डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फाउंडेशन के रूप में अपनी चमक फैला रहा है. ये फंड हमारे कानून से स्टैबलिश हुआ है. इस फंड से 84 हजार 900 करोड़ फंड जेनेरेट हुआ है. कोविड के बाद पीएम मोदी ने देश को उबारा.
आज इकॉनमी अच्छे स्तर पर पहुंची है
बैड गवर्नेंस, बैड डिसीजन का क्या असर हुआ, ये हमने इसमें बताया है. हमारी सरकार ने ट्रांसपेरेंसी से सारी बातें रखी हैं. कहा कि आज इकॉनमी अच्छे स्तर पर पहुंची है. आज यहां पहुंचे हैं तो यह 10 साल की मेहनत है. सीतारमण ने कहा, 2047 तक विकसित भारत बनायेंगे.
सुनने की क्षमता नहीं है. फिर भी मैं छोड़ूंगी नहीं
इससे पूर्व सीतारमण ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लिया और तंज कसते हुए कहा, मेरी हिंदी भी एंटरटेनिंग है, थोड़ा सुन लीजिए… सीतारमण ने जब श्वेतपत्र का ब्योरा प्रस्तुत करते हुए पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की नीतियों की आलोचना की तो बीच-बीच में कांग्रेस के सदस्य हंगामा कर रहे थे. वित्त मंत्री ने कहा, अगर उनमें (कांग्रेस सदस्यों में) साहस है और यदि इन्होंने अच्छा काम किया है तो सुनना चाहिए और जवाब देना चाहिए. सुनने की क्षमता नहीं है. फिर भी मैं छोड़ूंगी नहीं, मैं अपनी बात करुंगी. उन्होंने कहा, वैश्विक आथिक संकट को तो नहीं संभाल सके, आज ज्ञान दे रहे है कि किस तरह संभालना है.