Ranchi: बीते दिनों महाराष्ट्र के भंडारा स्थित जिला अस्पताल में आग लगने से वहां भर्ती 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी. 3 की मौत जलने से और 7 की मौत दम घुटने के कारण हुई. जब आग लगी उस वक्त स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में 17 नवजात भर्ती थे. स्टाफ की तत्परता से 7 को तो बचा लिया गया. लेकिन 10 बच्चे असमय काल के गाल में समा गए. इस प्रकार का हादसा रिम्स में कभी भी घट सकता है. ऐसी घटना होने के बावजूद भी रिम्स प्रबंधन की नींद नहीं खुली है. प्रबंधन गहरी नींद में सोया है. इधर मरीज भगवान भरोसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचते हैं.
चार मंजिले इमारत वाला डेंटल विभाग का फायर फाइटर सिस्टम ढाई साल से फेल
रिम्स का डेंटल विभाग चार मंजिला है. इस विभाग में लगा फायर फाइटर सिस्टम पिछले ढाई साल से एक्सपायर है. विभाग में ओपीडी सेवा के साथ ही दांत से संबंधित कई बीमारियों का इलाज किया जाता है. यदि आगजनी की घटना होती है तो मरीजों की जान पर आफत आ सकता है.
रिम्स के डेंटल डिपार्टमेंट में लगे फायर फाइटिंग सिस्टम की हालत
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रिम्स के कई विभागों और हॉस्टल में लगा फायर फाइटर एक्सपायर
रिम्स के पेइंग वार्ड, ट्रॉमा सेंटर, डेंटल कॉलेज, समेत कई विभागों में लगे अधिकांश फायर फाइटर एक्सपायर हो चुके हैं. इन तमाम सुपर स्पेशियलिटी भवन में सैकड़ों मरीजों का इलाज किया जाता है. अगर अब भी रिम्स प्रबंधन की नींद नहीं खुलती है तो यहां कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है. रिम्स परिसर में 15 से अधिक हॉस्टल है. उनमें लगा अग्निशमन यंत्र सालों से एक्सपायर है. कई बार शिकायत के बाद भी प्रबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ता है.
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अस्पताल में आग भड़कने जैसी कई सामान उपलब्ध
अस्पताल में कभी भी छोटी सी चिंगारी लगती है तो क्षण भर में यह विकराल रूप धारण कर सकता है. अस्पताल में आग भड़कने जैसी हर तरह की सामग्री उपलब्ध है. अस्पताल में बेड, बिस्तर में आग पकड़ ले तो उस पर काबू पाना मुश्किल हो जाएगा. वहीं सभी विभागों के कमरे में कई तरह के अत्याधुनिक उपकरण, एसी, कूलर जैसी चीजें लगी होती है. अगर इन चीजों में सिर्फ चिंगारी भी लग जाए तो उस पर काबू पाने में पसीने छूट जाएंगे. अगर रिम्स प्रबंधन की अब भी नहीं खुलती है तो कभी भी अप्रिय घटना घट सकता है.