Ranchi: एक ओर जहां सूबे की सरकार का एक साल पूरा होने पर मोरहाबादी मैदान में भव्य आयोजन किया गया और सरकार की उपलब्धियां गिनाई गईं वहीं दूसरी ओर आजसू पार्टी ने झारखंड के सभी जिलों विश्वासघात दिवस मनाया. आजसू ने सभी जिला मुख्यालयों पर जनपंचायत लगाकर सरकार के विश्वासमत लेने के पूर्व किए गए वादे को याद दिलाया. पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने रांची में आयोजित जन पंचायत को संबोधित करते हुए हेमंत सरकार को अबुआ राज नहीं बबुआ राज बताया.
![सरकार की पहली वर्षगांठ पर आजसू प्रमुख ने साधा निशाना, बोले- ‘जनता की भावनाओं, जनादेश और उम्मीद के साथ हुआ विश्वासघात’](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2020/12/ajsu-meeting.jpg)
सुदेश ने सरकार को याद दिलाया जनता से किया वादा
- झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तय समय सीमा के भीतर पहली कैबिनेट बैठक में स्थानीय नीति तय करने का किया था वादा
- आदिवासी पिछड़े और एससी वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण तय करने का था वादा
- एक साल के भीतर पांच लाख नौकरियां सृजन करना, अगर नौकरी न दे सके तो बेरोजगारी भत्ता देने का था वादा.
- नियोजन में महिलाओं को 25 प्रतिशत भागीदारी का सरकार ने किया था वादा
- निजी क्षेत्र में भी 75 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करना जैसे लोकलुभावन वादे
किसानों को भी छलने का सरकार ने किया काम
सुदेश महतो ने आगे कहा कि सरकार में शामिल दल देशव्यापी किसान आंदोलन के साथ खुद को खड़ा कर रही है लेकिन उसी किसान को अपने ही प्रदेश में सरकार ने ठगने का काम किया. कांग्रेस का एजेंडा नंबर वन कहा था कि झारखंड के किसानों का ऋण माफ करेंगे. झारखंड मुक्ति मोर्चा के घोषणा पत्र में किसानों का दो लाख तक का ऋण माफ करने की बात कही गई थी. लेकिन सत्ता में आने के बाद इन दलों ने किसानों के साथ धोखा किया. दो लाख तक का ऋण माफ करने की बात कही थी जो अबतक अधिकतम 50,000 ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया. यह प्रदेश के किसानों के साथ धोखा है. किसानों की ऋण माफी को वर्तमान सरकार के कृषि मंत्री ढोल की तरह पिछले 6 महीने से बजा रहे हैं. लेकिन इसकी हकीकत आज भी बयानों तक है. अखबारों में कांग्रेस, राजद और झामुमो के नेताओं के बयान इस संदर्भ में हर चौथे दिन छपती है. उन्होंने कहा कि सूबे की सरकार ने राज्य के किसानों के साथ भी अन्याय किया है.
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कहां गई स्थानीय नीति
सुदेश महतो स्थानीय नीति पर सरकार को घेरते हुए बोले कि नौजवानों और भूमि पुत्रों के लिए भी बड़ी-बड़ी बातें आई. स्थानीय नीति का आधार 1932 लागू करने की बात कही. नियोजन नीति की बात कही लेकिन एक साल में सरकार के मुखिया दावा कर रहे हैं कि 20 साल का सबसे बेहतर सरकार हुआ 2020 में. सड़क और नौकरी के मुद्दे पर सरकार ने कुछ नहीं किया. राज्य में 45000 शिक्षकों के पद खाली हैं. 2013 और 2016 में टेट की परीक्षा हो चुकी है. दोनों परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी पास कर चुके हैं लेकिन सरकार 1 साल के अंदर एक भी नौकरी युवाओं और नौजवानों को नहीं दे पायी.
जनता, किसान त्रस्त लुटेरे मस्त
सुदेश महतो ने अपने सबोधन में कहा कि राज्य की जनता त्रस्त, किसान-युवा त्रस्त और लुटेरे मस्त की कहवात चरितर्थ हो रही है. पांच लाख नौकरी देने का वायदा सरकार ने पूरा नहीं किया. और कह रहे है मार्च तक 15 हजार नौकरी देंगे. जबकि सरकार का झारखंड की जनता पर 5 लाख नौकरी देने का भी बकाया जो कि उन्हें 2020 में ही देना था.
एक साल में हेमंत सरकार की 3000 हजार ट्रांसफर-पोस्टिंग रही उपलब्धि
हेमंत सरकार पर हमलावर होते हुए सुदेश महतो ने कहा कि पिछली सरकार में चल रही योजना को वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया. मेडिकल कॉलेज खोलने का काम पिछली सरकार ने किया. पहले साल एडमिशन हुआ लेकिन इस साल एडमिशन नहीं हो पा रहा है, क्योंकि इस एक साल में कॉलेजों का मापदंडों पूरा करने पर वर्तमान सरकार ने काम नहीं किया. वर्तमान सरकार की अगर कोई उपलब्धि है तो एक साल में किये गये 3000 ट्रांसफर-पोस्टिंग ही है.
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कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थिति
रांची में आयोजित कार्यक्रम में रांची जिला परिषद अध्यक्ष सुकरा सिंह मुंडा, जिप उपाध्यक्ष पार्वती देवी, केंद्रीय उपाध्यक्ष जयपाल सिंह, केंद्रीय महासचिव राजेंद्र मेहता, केंद्रीय प्रवक्ता जयंत घोष एवं मनोज सिंह, केंद्रीय सचिव सुनील सिंह, सुशील महतो, बनमाली मंडल, जिप सदस्य गौतम साहु, सरिता देवी, फुलकुमारी देवी, सुमन मुंडरी, वर्षा गाड़ी, हेमलता उरांव, भरत काशी, रामजीत गंझू, ममता मौर्या, रांची जिलाध्यक्ष संजय महतो, रौशन लाल मुंडा, विरेंद्र तिवारी, राजेंद्र शाही मुंडा, नईम अंसारी, महानगर अध्यक्ष ज्ञान सिंन्हा, सुनील यादव, बंटी यादव, ओम वर्मा, ज्योत्सना केरकेट्टा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे.