Ranchi: झारखंड में सरकारी नौकरी की उम्मीद लगाये युवाओं को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, वह किसी से छिपी नहीं है. चाहे JPSC की बात करें या JSSC की, इनसे ली जाने वाली कोई भी प्रतियोगिता परीक्षा हमेशा विवाद में ही रहती है. अब वही विवाद JSSC द्वारा आयोजित हुई हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति (TGT) को लेकर सामने आयी है. एक लंबे समय से नियुक्ति नहीं होने से परेशान TGT अभ्यर्थियों ने आंदोलन की शुरुआत कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नियुक्ति नहीं मिलने से परेशान TGT इतिहास और नागरिक विषय के अनुशंसित अभ्यर्थी अब नियुक्ति से ज्यादा इच्छा मृत्यु पर जोर दे रहे हैं. कारण यह है कि TGT विज्ञापन निकाले 5 साल से ज्यादा का समय हो गया है पर हर साल स्टेप बाई स्टेप ही प्रक्रिया अपनायी गयी है.
अभ्यर्थियों का कहना है कि 2016 में TGT परीक्षा को लेकर विज्ञापन निकला था. कई विषयों से जुड़े अभ्यर्थियों की गैर अनुसूचित 11 जिलों में नियुक्ति कर दी गयी है, लेकिन इतिहास और नागरिक विषय में नियुक्ति को ही रोका गया है. विज्ञापन निकलने के बाद हर साल आयोग एक-एक स्टेप आगे बढ़ता गया. मामला हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. अब जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोई तैयारी नहीं होने से परेशान अभ्यर्थी पूछ रहे हैं कि आखिर कब मिलेगी TGT अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग.
- 2016 में निकाला गया विज्ञापन- 21/2016.
- अक्टूबर-नवंबर 2017 में आयोजित की गई थी परीक्षा.
- सितंबर से दिसंबर 2018 के बीच रिजल्ट जारी किया गया.
- अक्टूबर 2019 से फरवरी 2020 के बीच डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन किया गया.
- दिसंबर 2020 को मैरिट लिस्ट तैयार कर फाइनल रिजल्ट किया जारी.
- जनवरी 2021 में जेएसएससी द्वारा नियुक्ति को लेकर रिकमेन्डेशन किया गया.
इसे भी पढ़ें-निगम और जिला प्रशासन को HC की लताड़ : जल स्रोतों को नहीं बचा सकते तो छोड़ दें कुर्सी
अभ्यर्थियों का कहना है कि 11 गैर-अनुसूचित जिलों में नागरिक और इतिहास विषय को लेकर कुल 626 अभ्यर्थी अनुशंसित किये गये थे. इतनी लंबी अवधि के बाद भी हम सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हो पायी है, जो हमें आर्थिक और शारीरिक रूप से परेशान कर रहा है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों हाईस्कूल शिक्षक अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने कहा है कि राज्य के गैर अनुसूचित 11 जिलों में नियुक्तियों पर किसी तरह की कोई रोक नहीं हैं. इसके बाद अभ्यर्थियों के चेहरे पर एक खुशी सी आ गयी थी. लेकिन अभी तक सरकार ने इसपर कोई निर्णय नहीं लिया है. इससे परेशान सफल अभ्यर्थियों ने बीते दिनों मंत्री मिथिलेश ठाकुर के आवास और प्रोजेक्ट भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया था.
इसे भी पढ़ें-पीएम मोदी ने योगी की पीठ थपथपाई, 1500 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया. LED स्क्रीन पर लाइव दिखेगी गंगा आरती