Patna: बिहार के चर्चित चारा घोटाला में डोरंडा कोषागार से फर्जी निकासी मामले में रांची के सीबीआई कोर्ट में हर दिन सुनवाई हो रही है. बचाव पक्ष की ओर से मंगलवार से पक्ष रखा जाएगा. इससे पहले सात अगस्त को अभियोजन पक्ष की बहस पूरी कर ली गई थी. जानकारों का मानना है कि इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सुनवाई भले झारखंड में हो रही हो, लेकिन उसका असर बिहार में दिख रहा है. समर्थक अपने चहेते नेता के लिए दुआएं कर रहे हैं. सबकी नजर चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा मामले की सुनवाई पर टिकी है. आपको बता दें कि लालू प्रसाद जमानत मिलने के बाद दिल्ली में रह रहे हैं. सोशल मीडिया पर लालू प्रसाद काफी एक्टिव हैं और हर मामले पर अपनी बात बेबाकी से रखते हैं. पिछले दिनों उन्होंने वर्चुअल मोड में कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया. जिससे पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक उत्साहित नजर आए. लालू प्रसाद की सक्रियता का असर बिहार की राजनीति पर भी खूब पड़ रहा है.
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करीब 140 करोड़ की अवैध निकासी का मामला
चारा घोटाले में डोरंडा कोषागार से 139.35 रुपये की अवैध निकासी मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद, डॉ जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा समेत 110 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस मामले में डॉ जगन्नाथ मिश्र समेत 37 आरोपियों का निधन हो चुका है. अभियोजन पक्ष ने 575 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे. वहीं बचाव पक्ष की ओर से 27 आरोपियों की गहवानी होनी है. इसके आधार पर बहस पूरी होगी. रांची के सिविल कोर्ट परिसर में स्थित सीबीआई की विशेष कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है.
फिजिकल या वर्चुअल मोड में बहस की अनुमति
चारा घोटाले में डोरंडा कोषागार (RC 47A/96) से अवैध निकासी मामले की सुनवाई विशेष कोर्ट में चल रही है. कोर्ट ने कहा था कि जो फिजिकल मोड में बहस करना चाहते हैं, वे अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों. कोरोना गाइडलाइन के अनुरूप वे बहस कर सकते हैं. इस दौरान अधिकतम पांच लोग मौजूद रह सकते हैं. वहीं जो वर्चुअल मोड में बहस चाहते हैं, वे कोर्ट की अनुमति ले लें. दस्तावेजों को देख लें और तब बहस करें. बहस के लिए दोनों विकल्प हैं. मालूम हो कि लालू प्रसाद समेत 77 आरोपियों ने फिजिकल कोर्ट शुरू होने तक सुनवाई टालने का आग्रह किया था. लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. बचाव पक्ष ने कहा था कि पिछले आदेश के आलोक में वे हाईकोर्ट जाएंगे. इसलिए उन्हें समय मिलना चाहिए. हालांकि अदालत ने इस मामले में प्रतिदिन सुनवाई का निर्णय लिया.
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