Dhanbad: 1 मार्च से झारखंड में कॉलेज, कोचिंग सेंटर, पार्क, सिनेमाघर, कौशल विकास केंद्र, 8वीं, 9वीं और 11वीं के क्लासेज शुरू होंगे. झारखंड सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है. फिलहाल सिनेमाघरों को खोलने की तैयारी अंतिम चरण पर है. सरकार की ओर से दी गयी अनुमति से कई संस्थानों को खुशी के साथ साथ गम भी है. इसमें एकल सिनेमा घर शामिल हैं.
इसे लेकर लगातार न्यूज के संवादाता ने देशबन्धु सिनेमा घर में चल रही तैयारियों का जायजा लिया. साथ ही सिनेमा घर के मालिक अशोक अग्रवाल से बातें की.
संचालकों की समस्या- कहां से लायेंगे लागत!
अशोक अग्रवाल ने बताया- ‘मैं सरकार के इस आदेश से काफी खुश हूं. फिर से हमारा व्यवसाय शुरू हो रहा है. परन्तु खुशी के साथ-साथ इस बात की चिंता भी है कि इतने दिनों से बंद पड़े सिनेमा घर को चालू करने की लागत कहां से लाऊंगा. क्योंकि सिनेमा घर तो पूरी तरह से बंद था. इस त्रासदी ने सिनेमा घर के संचालकों की कमर ही तोड़ दी है.
झारखंड सिनेमा प्रदर्शक संघ के माध्यम से राज्य सरकार को एक आवेदन दिया गया है. इस अवेदन में सिनेमा घर के मालिकों को GST से 3 वर्ष की छूट दी जाये, बिजली बिल में फिक्स चार्ज और DPS माफ किया जाये. साथ ही कम से कम 10 लाख तक का सस्ता लोन दिया जाये जिसकी मदद से एकल पर्दे वाले उद्योग भी फिर से पटरी पर लौट सकें. परन्तु इस पर अभी तक कोई विचार नहीं किया गया है’.
कोरोना गाइडलाइन्स का पालन संचालकों के लिए एक चुनौती है
आगे उन्होंने बताया कि अगर वक्त पर सरकार हमारी मंगों को पूरी करेंगे तो हमें थोड़ी राहत मिलेगी. सिनेमा घर खोलने से पहले सरकार के द्वारा दी गयी कोरोना गाइडलाइन्स काफी सख्त है. गाइडलाइन के अनुसार हर शो में प्रत्येक सीट को पूरी तरह सेनिटाइज करना, सभी दर्शक को भी सेनिटाइज करना, मास्क अनिवार्यता, टेम्प्रेचर की जांच, स्टॉल 3 से 4 होने चाहिए. साथ ही सिनेमा देखने आये दर्शकों को एक सीट छोड़कर बैठाना अनिवार्य है. इसे पूरा करना एक चुनौती है.
आपको बता दें कि सिनेमा घर देश का 100 सालों से अधिक पुराना उद्योग है. यह भारत का लाखों-करोड़ों का करदाता है. साथ ही एक अति लोकप्रिय उद्योग भी है जिससे लाखों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है. लेकिन इस कोरोना महामारी आपदा में सफेद हाथी भी मैला हो गया है.