NewDelhi : अमरोहा की रहने वाली शबनम नाम की महिला को फांसी की सजा हुई है. बता दें कि अप्रैल 2008 में शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही सात परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी. इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा था. राष्ट्रपति भवन ने भी उसकी दया याचिका को खारिज कर दी है.
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मथुरा की जेल में तैयारियां भी शुरू हो गयी हैं
जान लें कि भारत को आजादी मिलने के बाद देश में पहली बार किसी महिला को उसके आपराधिक कृत्यों के लिए फांसी की सजा दी जायेगी. इसके लिए मथुरा की जेल में तैयारियां भी शुरू हो गयी हैं. अमरोहा की रहने वाली शबनम को मौत की सजा दी जायेगी. निर्भया के दोषियों को फंदे से लटकाने वाले पवन जल्लाद दो बार फांसी घर का निरीक्षण भी कर चुके हैं.
शबनम की फांसी के लिए पवन जल्लाद दो बार फांसीघर का निरीक्षण कर चुके हैं. उन्हे तख्ते के लीवर में जो कमी दिखी उसे जेल प्रशासन ने ठीक करवा दिया है.
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महिलाओं के लिए फांसीघर आज से 150 साल पहने बनवाया गया था
फांसी देने के लिए बिहार के बक्सर से रस्सी मंगवाई जा रही है ताकि कोई अड़चन ना आये. बता दें कि मथुरा में महिलाओं के लिए फांसीघर आजादी से पहले लगभग आज से 150 साल पहने बनवाया गया था लेकिन वहां अब तक किसी को फांसी दी नहीं गयी है.
शबनम को फांसी देने को लेकर मथुरा जेल के अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि अभी फांसी की तारीख तय नहीं की गयी है और ना ही कोई आदेश आया है लेकिन जेल प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जायेगी.
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