Ranchi: जिस भूमि को 2019 में जयंत कर्नाड ने 14 लोगों को 16 डीड के माध्यम से बेचr थr. उस जमीन को एक अक्टूबर 2021 को दोबरा बेचा गया. लगातार न्यूज की पड़ताल में और भी कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. दोनों बार सेना के कब्जे वाली भूमि के अलग-अलग बिक्रेताओं ने इसे मालिक बन कर बेचा. पहली बार सेना के नियंत्रण वाली भूमि के बिक्रेता जयंत कर्नाड थे.
![](https://i0.wp.com/lagatar.in/wp-content/uploads/2022/03/pravin.jpg?resize=720%2C1280&ssl=1)
14 खरीदारों ने बड़गाईं अंचल में म्यूटेशन के लिये आवेदन दिया था. जिनके म्यूटेशन आवेदन को अस्वीकृत कर दिया था. वहीं दूसरी बार के बिक्रेता प्रदीप बागची पिता प्रफुल्ल बागची हैं. जमीन के खरीदार जगतबन्धु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष कांकुरगाछी पश्चिम बंगाल निवासी हैं.
इसे भी पढ़ें- हजारीबाग: ओबीसी अध्यक्ष ने रामनवमी जुलूस को लेकर दीपक प्रकाश से की मुलाकात
सेना की नियंत्रण वाली भूमि का दोबरा कराया गया निबंधन
सेना के नियंत्रण वाली भूमि का दोबारा एक अक्टूबर 2021 निबंधन कराया गया. इस बार जमीन के बिक्रेता प्रदीप बागची पिता प्रफुल्ल बागची वरद्धमान पश्चिम बंगाल निवासी हैं. खरीदार जगतबन्धु टी इस्टेट प्राईवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष हैं. बीस करोड़ पचहतर लाख चौरासी हजार दो रुपये मूल्य वाली भूमि को महज सात करोड़ में बेचा गया.
प्रदीप बागची ने जब बेची जमीन तब बढ गया भूमि का रकबा
प्रदीप बागची ने 1 अक्टूबर 2021 को सेना के नियंत्रण वाली भूमि को दोबारा बेचा. लगातार न्यूज की की पड़ताल में यह भूमि राजस्व रिकॉर्ड पंजी टू के अनुसार 4.46 एकड़ है. जबकी उसी भूमि को प्रदीप बागची ने एक दिसंबर 2021 को 4.55 एकड़ बताकर दिलीप कुमार घोष को बेची थी. तीन साल ही में जमीन का कुल रकबे में 9 डिसमिल की बढ़ोतरी हो गई.
इसे भी पढ़ें- दुकान बंद होने से परेशान मोरहाबादी के फुटपाथी दुकानदार ने फंदे से झूलकर दी जान
दिलीप कुमार घोष का म्यूटेशन आवेदन भी हो गया अस्वीकृत
दिलीप कुमार घोष के द्वारा 1 अक्टूबर 2021 को सेना के नियंत्रण वाली भूमि को प्रदीप बागची से रजिस्ट्री कराया था. इसके अगले दिन 2 अक्टूबर 2021 को म्यूटेशन के लिये बड़गाई अंचल में दिलीप कुमार घोष ने आवेदन किया. जिसका म्यूटेशन केस नंबर 2019/2021-2022 है. जिसे अंचल की ओर से रा उप नि एवं अंचल निरीक्षक के जांच प्रतिवेदन के आधार पर नामांतरण अस्वीकृत कर दिया.