Bismay Alankar
Hazaribagh: कभी-कभी किसी एक बड़े अधिकारी की छोटी सी कोशिश बड़ा परिवर्तन लाती है. ऐसा ही कुछ उपायुक्त सुधीर प्रसाद द्वारा किया गया था. उनके प्रयास से हजारीबाग के केरेडारी प्रखंड स्थित लोचर गांव में आम का पौधा लगवाया गया था. बताया जाता है कि इस गांव में 1994 में तत्कालीन उपायुक्त सुधीर प्रसाद ने तत्कालीन डीएफओ को आदेश दिया कि लोचर गांव में 300 आम के पेड़ लगवाए जाएं. आदेश का तुरंत पालन हुआ और गांव के पास की वन भूमि और खाली जगह पर पेड़ लगाए गए.
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ग्रामीणों ने इस पौधे की पूरी सेवा की. इस वजह से आज इस गांव की समृद्धि हो रही है. पूरे लोचन में लगभग 70 घर हैं. ग्रामीणों ने आपस में बैठकर यह तय किया कि गांव में जितने भी आम के पेड़ हैं उसकी रक्षा की जाएगी और उसमें जो फल लगेगा वह हर एक घरों में बराबर बांट दिया जाएगा. बाकी जो फल बचेंगे उसे बेचकर गांव के सामाजिक कार्यों में लगाया जाएगा. इसी फैसले के तहत अब जो आम बिकता है उस पैसे को गांव में स्थित सामुदायिक शौचालय की सफाई पर खर्च किया जाता है. सार्वजनिक स्थलों की मरम्मत और रंग रोगन का कार्य किया जाता है. साथ ही अन्य ऐसे गांव के लिए जरूरी काम जो सार्वजनिक स्तर पर हो वह किए जाते हैं. इन पैसों से कई बार सड़क की मरम्मत हुई है. इस वर्ष आम की बिक्री से 90000 रुपए हुए. साथ ही प्रत्येक घर में 50 किलोग्राम आम भी दिए गए.
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पूरा गांव खुले में शौच से मुक्त
बता दें कि जिस सामुदायिक शौचालय के खर्च में आम का रुपया लगता है उसे भी सुधीर प्रसाद ने ही स्वच्छता विभाग के सचिव रहते बनवाया था. ग्रामीणों ने निर्णय लेकर उस सार्वजनिक शौचालय को केवल महिलाओं के लिए कर दिया है. सार्वजनिक शौचालय हो जाने से गांव की महिलाएं इसका इस्तेमाल करती हैं. अभी पूरा गांव खुले में शौच से मुक्त है.
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सुधीर प्रसाद को धन्यवाद संदेश दिया
बताया जाता है कि जब भी आम का मौसम आता है तो लोचर के ग्रामीण तत्कालीन उपायुक्त सुधीर प्रसाद को जरूर याद करते हैं. इसी गांव के प्रसिद्ध किसान मीनू महतो जो राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत हैं, ने पूरे गांव वालों की तरफ से तत्कालीन उपायुक्त सुधीर प्रसाद को धन्यवाद संदेश भी दिया. जिसमें कहा गया कि पदाधिकारी उनके जैसा होना चाहिए. लोग उन्हें उनके काम की वजह से आज भी याद करते हैं और उन्हें धन्यवाद देते हैं.
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