LagatarDesk : जीएसटी को आज लागू हुए चार साल पूरे हो गये हैं. 1 जुलाई 2017 को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कानून को लागू किया गया था. जीएसटी कानून में 17 तरह के अलग-अलग टैक्स और सेस को शामिल किया गया था. इसमें एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, वैट जैसे टैक्स और 13 सेस शामिल किये गये थे. बता दें कि पिछले चार सालों में जीएसटी काउंसिल की 44 बार बैठक हो चुकी है. बैठक में इस कानून में सुधार की दिशा में कदम उठाये जाते हैं.
4 साल में 66 करोड़ जीएसटी रिटर्न फाइल
जीएसटी के चार साल पूरे होने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब तक 66 करोड़ से अधिक जीएसटी रिटर्न फाइल किये जा चुके हैं. सीतारमण ने कहा कि ब्याज दरों में कटौती हुई और टैक्सपेयर्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी ने सभी टैक्सपेयर्स के लिए अनुपालन को सरल बना दिया है. जीएसटी परिषद ने कोविड-19 महामारी के दौरान कई राहत उपायों की सिफारिश की है.
Overall, GST rates have been reduced on 400 goods and 80 services. Given that, in the pre-GST regime, the combined Centre and States rates were more than 31% on most of the items; this reduction marks a significant relief for the taxpayer. #4yearsofGST
(1/8) pic.twitter.com/cQCaibTr4W— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 30, 2021
40 लाख टर्नओवर वाले व्यवसायों को टैक्स में छूट
जीएसटी के तहत 40 लाख टर्नओवर वाले व्यवसायों को टैक्स की छूट दी गयी है. पहले इसकी लिमिट 20 लाख थी. इसके अतिरिक्त 1.5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले लोग कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं. इस स्कीम के तहत टैक्सपेयर केवल एक फीसदी टैक्स का भुगतान कर सकते हैं.
20 लाख टर्नओवर वाली कंपनी जीएसटी दायरे से बाहर
सर्विस सेक्टर वाले बिजनेस जिसकी टर्नओवर 20 लाख है, उन्हें जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. इसके अलावा सर्विस सेक्टर बिजनेस जिसका टर्नओवर 50 लाख है वो कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं. इस स्कीम के तहत उन्हें केवल छह फीसदी ही टैक्स का भुगतान करना होगा.
एसएमएस के जरिये होता है शून्य जीएसटी रिटर्न फाइल
पंजीकृत मोबाइल नंबर द्वारा एसएमएस सुविधा के माध्यम से “शून्य” जीएसटी रिटर्न दाखिल करना आरंभ किया गया है. जिससे लगभग 22 लाख शून्य रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को मदद मिलेगी. यह करदाताओं की सुविधा बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. विनिर्माताओं और व्यापारियों के लिए सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये प्रति वर्ष कर दी गयी. इन उपायों से 25 लाख से अधिक करदाताओं को लाभ मिला.
वर्तमान में जीएसटी रेट केवल 11.6 प्रतिशत
निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी के तहत लगभग 1.3 करोड़ करदाताओं के रजिस्ट्रेशन के साथ अनुपालन में लगातार सुधार हो रहा है. इसके साथ सीतारमण ने हैशटैग ‘#4YearofGST’ ट्वीट किया. आरएनआर समिति द्वारा रेवेन्यू न्यूट्रल रेट 15.3 प्रतिशत थी. इसकी तुलना में, आरबीआई के अनुसार वर्तमान में जीएसटी रेट केवल 11.6 प्रतिशत है. जीएसटी के तहत आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स की सबसे कम दर 5 प्रतिशत और सबसे अधिक कारों पर 28 प्रतिशत है. टैक्स के अन्य स्लैब 12 और 18 फीसदी हैं.
वन नेशन वन टैक्स का पूरा हुआ सपना
वन नेशन वन टैक्स के सपना साकार हो गया है. जीएसटी के कारण इंटर स्टेट बैरियर में कमी आयी है. इससे ट्रांसपोर्ट टाइमिंग में 20 फीसदी की कमी आयी है.