New Delhi : पीएनबी घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लंदन से भारत ले जाने की मिली मंजूरी. मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में सुनवाई के बाद इसका फैसला सुनाया. वर्चुअल हियरिंग में कोर्ट ने कहा कि नीरव मोदी के खिलाफ भारत में एक मामला है, जिसका उसे जवाब देना है. साथ ही कहा कि मोदी ने सबूत नष्ट करने और गवाहों को डराने के लिए साजिश भी रची है.
अदालत ने कहा कि नीरव मोदी की मानसिक स्थिति ठीक न होने की दलील भी खारिज कर दी है. साथ ही कहा कि मोदी को भारत भेजा जाता है तो ऐसा नहीं है कि उन्हें वहां इंसाफ न मिले. कोर्ट ने मुंबई की ऑर्थर रोड जेल की बैरक नंबर-12 को नीरव के लिए बिल्कुल फिट बताया.
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नीरव मोदी मामले की दो साल से चल रही थी सुनवाई
दो साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया कि नीरव के खिलाफ कानूनी मामला है जिसमें उसे भारतीय अदालत में पेश होना चाहिए. लंदन की कोर्ट के इस आदेश से नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का रास्ता भले ही साफ होता दिखा रहा है, परंतु इसमें अब भी बहुत सारे पेच हैं. मोदी के पास कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने का विकल्प भी है.
मामला ब्रिटेन की गृह मंत्री के पास जाएगा
भगोड़े घोषित नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने पीएनबी बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक में करीब 14 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक के लोन की धोखाधड़ी की थी. नीरव इस समय लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है. उसे प्रत्यर्पण कर भारत लाने के लिए कोर्ट में मामला चल रहा था. कोर्ट के फैसले के बाद उस पर अंतिम मुहर लगाने के लिए यह मामला ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास जाएगा. वही इस पर अंतिम मुहर लगाएंगी.
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