LagatarDesk : किशोर बियानी ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को दिवालिया घोषित कर दिया गया. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कर्ज में डूबी कंपनी की दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है. साथ ही विजय कुमार अय्यर को कंपनी का अंतरिम समाधान पेशेवर (IRP) नियुक्त किया गया है. बता दें कि बैंक ऑफ इंडिया फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की प्रमुख ऋणदाता है. एफआरएल ने बैंक ऑफ इंडिया के कर्ज के भुगतान में चूक गयी थी. जिसके बाद अप्रैल 2022 में बैंक ऑफ इंडिया ने दीवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए एनसीएलटी में याचिका दायर की थी. जिसे उसने स्वीकार कर ली. (पढ़ें, विवादों में घिरी कंगना रनौत की इमरजेंसी, कांग्रेस का आरोप, फिल्म में इंदिरा गांधी की इमेज खराब करने की कोशिश)
कोर्ट ने अमेजन की आपत्ति को किया खारिज
बता दें कि अमेजन ने कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई का विरोध किया था. कंपनी ने 12 मई को इस मामले में हस्तक्षेप की अपील दायर की थी. दायर याचिका में अमेजन ने कहा था कि बैंक ऑफ इंडिया और एफआरएल के बीच साठगांठ है. अमेजन ने कहा था कि अभी इस मामले में दिवाला कार्रवाई शुरू करना उसके अधिकारी के साथ समझौता होगा. हालांकि कोर्ट ने अमेजन की आपत्ति को खारिज कर कार्रवाई शुरु करने का आदेश दिया है.
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रिलायंस से डील टूटने के बाद बढ़ी मुश्किलें
बता दें कि फ्यूचर समूह ने अगस्त 2020 में रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) के साथ 24,713 करोड़ के विलय समझौते की घोषणा की थी. इस समझौते के तहत खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक एवं भंडारण खंडों में सक्रिय फ्यूचर समूह की 19 कंपनियों का रिलायंस रिटेल अधिग्रहण करने वाली थी. इस विलय समझौते की घोषणा के बाद से ही दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन इसका विरोध कर रही थी. वहीं अप्रैल में रिलायंस ने फ्यूचर ग्रुप के साथ प्रस्तावित डील पर आगे नहीं बढ़ाने की घोषणा की थी. डील रद्द होने के साथ ही फ्यूचर ग्रुप की मुश्किलें काफी बढ़ गयी हैं और ग्रुप की कई कंपनियां अपने कर्ज पर डिफॉल्ट हो गयीं.
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