NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 शिखर सम्मेलन स्थल ‘भारत मंडपम’ पहुंचे और हाथ मिलाकर विश्व नेताओं का स्वागत किया. पीएम मोदी ने जहां उनका स्वागत किया, वहां पृष्ठभूमि (बैकग्राउंड) में ओडिशा के पुरी स्थित सूर्य मंदिर के कोणार्क चक्र की प्रतिकृति लगी थी, जिसने स्वागत स्थल की शोभा बढ़ायी. (पढ़ें, जी 20 शिखर सम्मेलन : कांग्रेस का आरोप, मीडिया को बाइडेन और मोदी से सवाल पूछने की इजाजत नहीं दी गयी)
चक्र का घूमना प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक
बता दें कि कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में किया गया था. कुल 24 तीलियों वाले इस पहिये को तिरंगे में भी दर्शाया गया है. यह चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और वास्तुशिल्प उत्कृष्टता का प्रतीक है. इस चक्र का घूमना ‘कालचक्र’ के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है. यह लोकतंत्र के पहिये का एक शक्तिशाली प्रतीक है, जो लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति को लेकर प्रतिबद्धता दर्शाता है.
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