धनवार की राजनीति के माने जाते थे भीष्म पितामह
Dhanwar (Giridih) : धनवार की राजनीति के धुरी माने जाने वाले हरिहर नारायण प्रभाकर का 15 जुलाई को निधन हो गया. वे 93 वर्ष के थे. उनकी राजनीतिक सफर की शुरुआत जनसंघ के समय से हुई थी. एकीकृत बिहार में धनवार विधानसभा से वे 1975 में विधायक बने थे. दो बार भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे. 1985 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए और 1990 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के विधायक बने. उसके बाद उनके जीवन में राजनीतिक उठापटक चलती रही. इसी बीच वे समरेश सिंह के साथ जुड़ गए और बाद में वह अंतिम बार चुनाव लोजपा से लड़े. उसके बाद उनकी घर वापसी भाजपा में हुई और अंततः वह भाजपा से जुड़े रहे. इनके निधन की खबर सुनकर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे और शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी. वे अपने पीछे पत्नी, दो पुत्र और पुत्री छोड़ गए हैं. सांत्वना देने वालों में मुखिया बालमुकुंद यादव, मुखिया कार्तिक दास, शैलजा प्रसाद सिंह, वीरेंद्र कुमार सिंह, रविंद्र नाथ सिंह, विष्णु देव सिंह, प्रकाश कुमार सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे.
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