Giridih : जिले में ढिबरा व्यवसाय को वैधानिक दर्जा दिलाने समेत अन्य मांगों को लेकर बीजेपी ने 21 फरवरी को समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया. धरना को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने ढिबरा चुनने पर लगे प्रतिबंध के लिए हेमंत सरकार को जिम्मेवार ठहराया. कहा कि ढिबरा को लेकर हेमंत सरकार की मंशा साफ नहीं है. सरकार चाहे तो प्रतिबंध हटा सकती है. प्रतिबंध हटने से ढिबरा चुनकर जीवन यापन करने वाले हजारों का भला होता.
बाबूलाल ने कहा कि प्रतिबंध के कारण मजदूरों के रोजगार छिन गए हैं, जिससे मजदूर परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. ढिबरा रोजगार मुहैया करने का साधन है. प्रतिबंध हटाने पर हजारों मजदूरों को रोजगार मिलेगा. जब तक ढिबरा चुनने पर लगे प्रतिबंध को हटाया नहीं जाता तब तक बीजेपी आंदोलन जारी रखेगी.
धरना को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद रविन्द्र पांडे ने कहा कि हजारों मजदूर ढिबरा चुनकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. ढिबरा चुनने पर प्रतिबंध लगाए जाने से मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गई है. राज्य में बीजेपी की सरकार बनने पर बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री बनेंगे तो केबिनेट में सबसे पहला प्रस्ताव लाकर प्रतिबंध हटाया जाएगा.
धरना को भूतपूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी, जिलाध्यक्ष महादेव दुबे, विधायक केदार हाजरा, पूर्व सांसद रविन्द्र पांडेय व रविन्द्र कुमार राय, कार्यसमिति सदस्य अशोक उपाध्याय के अलावा अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया.
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धरना में ढिबरा चुनकर जीवन यापन करने वाली महिला मजदूर भी हाथ में कटोरी लेकर शामिल हुई. सभी एक स्वर से प्रतिबंध हटाने की मांग की. उल्लेखनीय है कि ढ़िबरा चुनकर जिले के तिसरी, गांवा और देवरी प्रखंड में हजारों गरीब मजदूर जीवन यापन करते थे. फिलहाल ढ़िबरा चुनने पर रोक लगी हुई है.
धरना राज्य में नियोजन नीति लागू करने, राज्य में लगातार गिरते कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने, बालू खनन पर लगी रोक हटाने, कोयला तस्करी पर रोक लगाने, महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर रोक लगाने, झारखंड की खनिज संपदा की लूट को रोकने समेत अन्य मुद्दों को लेकर भी दिया गया.
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