करोड़ों की लागत से बनी दो जलमीनार हुईं बेकार
Giridih : गर्मी बढ़ने के साथ ही सरिया में जलसंकट गहराने लगा है. तपती धूप व व्याकुल करनेवाली गर्मी इलाके के कई तालाब व कुएं सूख चुके हैं. क्षेत्र के दर्जनों चापाकल खराब पड़े हैं. लोग बूंद-बूंद को तरस रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर पीएचईडी विभाग चैन की नींद सो रहा है. ज्ञात हो कि सरिया गिरिडीह जिले की प्रसिद्ध व्यावसायिक मंडी है. यहां से सरकार को कर के रूप में सलाना एकमुश्त करोड़ों रुपए राजस्व प्राप्त होता है. इसके बावजूद यहां की जनता के लिए अब तक पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं की जा सकी है.
जैसे-तैसे टंकी बनाकर चली गई एजेंसी
पेयजल विभाग ने सरिया बाजार में वर्ष 2008 में करोड़ों रुपए की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जमीन पर ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना के तहत जलमीनार की आधारशिला रखी थी. योजना को 2 वर्षों में पूरा कर बराकर नदी से पाइपलाइन से पूरे सरिया में पेयजल की आपूर्ति करने का लक्ष्य था. कंस्ट्रक्शन कंपनी जैसे-तैसे काम पूरा कर चली गई. करीब एक वर्ष तक आधी-अधूरी जनता को किसी तरह पानी मिला. इसके बाद जलापूर्ति बाधित हो गई. कभी मोटर खराब, तो कभी बराकर नदी में सप्लाई पंप मे बालू घुसने से तकनीकी खराबी के कारण जलापूर्ति ठप रही. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी पानी की समस्या से निजात के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया. लिहाजा, यहां के लोगों को पानी की समस्या झेलनी पड़ रही है.
लोग नगर पंचायत की सुविधाओं से वंचित
नगर पंचायत बनने के बाद सरिया के लोग होल्डिंग टैक्स भर रहे हैं, लेकिन नगर परिषद की सुविधाओं से वंचित हैं. सरिया में पेयजल की आपूर्ति के लिए दो जलमीनार बनी थीं. एक एक जलमीनार से आधे सरिया में जलापूर्ति शुरू भी की हुई थी. जबिक शिव मुहल्ला में बनी जलमीनार से लोगों को एक बूंद पानी भी नहीं मिला. सरिया मुख्य बाजार के समीप बनी जलमीनार के दायरे में रेलवे फाटक, झंडा चौक, स्टेशन रोड, काला रोड, कलाली रोड, बलीडीह, थाना रोड, पोखरियाडीह वह आसपास के कई मुहल्ले आते हैं. इस जलमीनार से जलापूर्ति का कई बार ट्रायल हुआ, लेकिन कई जगह लीकेज के कारण पेयजलापूर्ति नहीं हो पाई. वहीं, प्रखंड के पौडियाटांड़, मंधनिया, कोवड़िया टोला समेत कई गांव में अभी भी पाइप नहीं बिछाया जा सका है. दोनों पानी की टंकिया शोभा की वस्तु बन कर रह गई हैं. उपयोग नहीं होने से अब तो जर्जर भी हो चुकी हैं.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस बाबत नगर पंचायत के सिटी मैनेजर विशाल सिन्हा से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि पेयजल विभाग ने अभी तक नप को जलापूर्ति की जिम्मेदारी नहीं सौंपी है. सरिया नप का गठन हुए करीब चार साल हो चुके हैं. जलापूर्ति के लिए बराकर नदी में बना इंटेक वेल भी धंस गया है. हालांकि, नप ने नई जलमीनार के लिए डीपीआर तैयार की है. जरूरत होने पर लोगों को टैंकर के माध्यम से पानी पहुंचाया जाएगा.
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