निरसा में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं की भीड़
Nirsa : निरसा के तिलतोड़िया गांव में चल रही 7 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना से हुई. कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का रसपान कराया. कथा का वृतांत सुनाते हुए कहा कि श्रीकृष्ण दुखी हैं कि कलयुग में लोगों का कल्याण कैसे होगा. राधा रानी ने भगवान से पूछा- क्या आपने इनके लिए कुछ सोचा है. प्रभु बोले- एक उपाय है. इस युग में हमारी कथाओं (श्रीमद्भागवत कथा) के सुनने मात्र से व्यक्ति का कल्याण निश्चित है. इसके लिए उन्होंने शुकदेव जी को मृत्युलोक भेजा. शुकदेव जी ने रास्ते में देखा कि कैलाश पर्वत पर भगवान शिव और माता पार्वती विराजमान हैं. भगवान शिव माता पार्वती को कथा सुना रहे हैं. यह श्रीमद्भागवत की कथा थी. शुकदेव जी ने चुपके से पूरी कथा सुनी. देवकीनंदन जी महाराज कहते हैं कि श्याम के बिना जीवन में कुछ भी नहीं है. भगवान को अपना परिवार मानकर उनकी लीलाओं में रमना चाहिए. गोविंद के गीत गाए बिना शांति नहीं मिलेगी. धर्म, संत, मां-बाप और गुरु की सेवा करो. जितना भजन करोगे उतनी ही शांति मिलेगी. पंडाल में कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे.
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