Shruti Singh
Ranchi: लड़कियां बाहर तो छोड़िए अपने घर में, अपनों के बीच भी सुरक्षित नहीं हैं. माता-पिता अपनी बेटी को कहते हैं कि घर से बाहर जा रही हो संभल कर जाना, लेकिन अगर कोई घर में ही बेटी सुरक्षित ना हो तो बेचारी लड़की किससे फरियाद करे. हाल के दिनों में राजधानी रांची में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं जहां अपने ही रिश्तेदारों ने नाबालिग बच्चियों के साथ गलत हरकत किया.
इसे भी पढ़ें –पलामू में धर्म परिवर्तन कर चुके कई लोगों की होगी घर वापसी
मामा ने नाबालिग के साथ किया गलत हरकत
एक मामला राजधानी के कोतवाली थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस का सहयोग नहीं मिलने और अनुसंधानकर्ता महिला दारोगा द्वारा केस वापस लेने का दबाव बनाने से परेशान यौन शोषण पीड़िता नाबालिग ने एक अक्टूबर को जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की थी. नाबालिग ने अपने पिता को बताया कि आठ माह पहले वह अपने नानी के घर पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर गई थी. वहां उसके मामा ने अश्लील फिल्म दिखाकर उसके साथ गलत हरकत की थी.
5 साल की मासूम के साथ रिश्तेदार ने की अश्लील हरकत
ऐसी ही एक घटना राजधानी रांची के पुंदाग ओपी इलाके की है. शर्मसार कर देने वाली वारदात सामने आई. पांच साल की बच्ची के साथ उसके ही एक रिश्तेदार ने अश्लील हरकत की और उससे अनैतिक तरीके से संबंध बनाता रहा. मामला सामने आने के बाद बच्ची की मां ने थाना में 16 अक्टूबर को शिकायत की. इसके बाद आरोपी रिश्तेदार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
इसे भी पढ़ें –हजारीबाग: करोड़ों की लागत से बनी सड़क खस्ताहाल, रैयतों को मुआवजे का इंतजार
ये हम नहीं कह पा रहे हैं कि हम खराब हो गए हैं : पूनम आनंद
इस मुद्दे पर सोशल एक्टिविस्ट पूनम आनंद ने कहा हम सब कहते हैं किसमय खराब आ गया है, जमाना खराब हो गया है. लेकिन ये हम नहीं कह पा रहे हैं कि हम खराब हो गए हैं. जब बेटियां जन्म लेती हैं तो हम कहते हैं कि बधाई हो लक्ष्मी आई है. जब धीरे धीरे वो बड़ी होती है, तो जिन लोगो ने उन्हें लक्ष्मी का दर्जा दिया होता है, वही उन पर बुरी नज़र डालते है. (इंसान खराब हो रहे है, जिस वजह से रिश्ते भी खराब हो रहे हैं) पहले तो बेटियों को घर के बाहर जाने के लिए मना किया जाता था, पर अब तो वो घर में ही सुरक्षित नही है. पूनम आनंद ने कहा कि हम सब सिर्फ ये बातें करते है कि जमाना बदल रहा है. हमारी सोच बदल रही है, पर आज भी लोग उसी मानसिकता के साथ रह रहे है. लड़कियों को बस एक जरिया बना लिया गया है मन बहलाने का, सरकार को इस मामले में कड़ा एक्शन लेने की जरूरत है.
अपने बच्चों को जेंडर डिस्क्रिमिनेशन के बारे में बताना बहुत जरूरी है: ज्योति कुमारी
वहीं चैंबर प्रवक्ता ज्योति कुमारी ने कहा कि आज का जो युग है, उसमें हमें अपने बच्चो को जेंडर डिस्क्रिमिनेशन के बारे में बताना बहुत जरूरी है. मामा, चाचा, मौसा, फूफा, कोई हुई भी घर का इंसान हो, अगर वो मेल हैं, तो उससे डिस्टेंस मेंटेन करें. कोई शर्म की बात नहीं हैं. अपने बच्चे को बचपन से ही ये बातें बताना जरूरी है. किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. एजुकेशन बहुत जरूरी है आज की तारीख में लोगो की मानसिकता खराब होती जा रही है.
जमाना खराब हो गया है. सबको सतर्क रहने की जरूरत है: संजू सिंह
वहीं रांची के हिनू की रहने वाली गृहणी संजू सिंह ने बताया कि युग खराब हो गाया है. सबको सतर्क रहने की जरूरत है. बेटी को घर से बाहर नहीं जाने देना, या किसी परिवार से नहीं मिलने देना, इसका कोई अर्थ नहीं है. अगर बेटी को किसी चीज के लिए मना किया जा रहा है, तो बेटों को भी सिखाना चाहिए की क्या सही है और क्या गलत. बचपन से ही ये शिक्षा बच्चों को देनी चाहिए. बच्चे हमारे आने वाला कल हैं, उन्हें आज से इन सब बातों की शिक्षा देनी होगी, तभी आने वाले कल की मानसिकता को बदला जा सकता है.
इसे भी पढ़ें –मधुकान ग्रुप की 80.65 करोड़ की संपत्ति ED ने की अटैच
डोमेस्टिक वायलेंस काफी बढ़ गया: अजय शाह
जबकि रांची सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन अजय शाह ने बताया कि चाइल्ड एब्यूज़ के जो भी केसेज हैं, वो फैमिली पर डिपेंड करता है. इंस्टीट्यूशन ऑफ फैमिली जब भी ब्रेकडाउन होगा, एब्यूज़ के केसेस बढ़ेंगे. देखा जा रहा है की कोविड क्राइसिस में डोमेस्टिक वायलेंस काफी बढ़ गया था. फैमिली ब्रेकडाउन भी हुआ है और इसी में चाइल्ड एब्यूज़ के कैसेस काफी बढ़े हैं. पहले जैसे बात अब नहीं रही. अवेयरनेस की सबसे ज्यादा जरूरत है. लोगो को जागरूक होने और करने की जरूरत है.