LagatarDesk : देश की एक और एयरलाइंस कंपनी दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गयी है. वाडिया ग्रुप की एयरलाइन गो फर्स्ट ने एनसीएलटी (NCLT) में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग (Voluntary Insolvancy Proceedings) के लिए आवेदन दे दिया है. कंपनी ने बढ़ते घाटे की वजह से यह फैसला लिया है. गो फर्स्ट के सीईओ कौशिक खोना ने इस बात की जानकारी दी है. (पढ़ें, दर्दनाक : बेटी की शादी कर लौट रहा था परिवार, सड़क दुर्घटना में माता-पिता सहित पांच की मौत, 11 की हालत गंभीर)
28 विमानों को करना पड़ा ग्राउंडेड
रिपोर्ट के मुताबिक, गो फर्स्ट एयरलाइंस लंबे समय से आर्थिक परेशानी का सामना कर रहा है. ऐसे में कंपनी पेट्रोलियम कंपनियों का बकाया नहीं चुका पा रही है. वित्तीय संकट के कारण एयरलाइन कंपनी के लिए इंजन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) ने सप्लाई बंद कर दी है. इसकी वजह से कंपनी के पास फंड की भारी कमी हो गयी है. इंजन सप्लाई नहीं होने के कारण कंपनी ने 28 विमानों को ग्राउंडेड करना पड़ा है. इसके चलते कंपनी के कैश फ्लो पर बेहद बुरा असर पड़ा है. यह इंजन एयरबस ए320 नियो एयरक्राफ्ट को पॉवर सप्लाई करते हैं.
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आज और कल गो फर्स्ट की फ्लाइट कैंसिल
गो फर्स्ट को कंपनियों ने तेल देने से इनकार कर दिया है. इन हालातों के बीच गो फर्स्ट ने अपनी सभी उड़ानें 3 मई, 4 मई और 5 मई को रद्द कर दी है. इससे पहले कंपनी ने 3 और 4 मई को फ्लाइट कैंसिल की थी. जिसके बाद DGCA ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. अब कंपनी ने 5 मई तक उडानें रद्द कर दी है. ऐसे में जिन हवाई यात्रियों ने इन तीनों दिनों के लिए कंपनी का टिकट बुक कराया है, उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
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इंजन मेकर के खिलाफ कंपनी ने दर्ज कराया मुकदमा
गो फर्स्ट एयरलाइन ने डेलावेयर फेडरल कोर्ट में यूएस-बेस्ड इंजन मेकर ट एंड व्हिटनी के खिलाफ केस दर्ज कराया है. जिसमें एक मध्यस्थता अदालत के फैसले को लागू कराने की मांग की गयी है, जो उसने प्रैट एंड व्हिटनी के खिलाफ जीता था. इस फैसले में कहा गया था कि प्रैट एंड व्हिटनी को एयरलाइन कंपनी को इंजन प्रोवाइड कराने होंगे. अगर कंपनी ऐसा नहीं करती है तो एयरलाइन के बंद होने का खतरा है. 30 मार्च के फैसले में कहा गया था कि अगर इमरजेंसी इंजन उपलब्ध नहीं कराये गये तो गो फर्स्ट को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, जिसकी भरपाई मुश्किल है.
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